अंदर की रोशनी को,प्रकाशित कर के देखो अपने गुलशन को भी,सुवासित कर के देखो तुम्हारी खूबियों की रोशनी बेमिसाल है मन में खूबियों का प्रकाश,निवासित कर के देखो
अहम मोह ईर्ष्या का,अंधकार हटा कर देखो पूर्वाग्रहों और नफरत के विचार हटा कर देखो रूह चमक उठेगी,मन के निर्मल प्रकाश से प्रभु में विलीन होकर,खुद को मिटा कर देखो