Govind Jha   (गोविंद_झा)
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Joined 5 March 2021


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Joined 5 March 2021
17 APR AT 17:15

मन से लगाओ माँ को आवाज
पूरे होंगे सारे बिगड़े काम काज
माता की शरण में जो भी है आया
उसने बिना माँगे ही सब कुछ हैं पाया
माता रानी की महिमा है अगम अपार
लगाती हैं वो अपने भक्तो का बेड़ा पार
मैया के दरबार मे भक्त रोते हुए जाते है
वहाँ से भरी झोली लेके ही वापस आते हैं
जिस पर बन जाती हैं माँ की कृपा कि छाया
उसका कभी कोई कुछ भी नही है बिगाड़ पाया

ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

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6 APR AT 9:26

असफलता से कभी भी मत होना तुम निराश
हो सकता है समय तुझे बनाना चाहती हो खास

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11 MAR AT 9:45

भले ही हमे मिले थोड़ी सी सफलता कम
किसी को न दिया हैं नाही देंगे कभी धोखा हम
हो सकता है अपने साथ वालों से मैं थोड़ा गया पिछड़
परिस्थियों ने तपाया इतना की पहले से ज्यादा गया निखर
ठोकर लगकर अगर कभी गिरा भी तो आसानी से उठ जाऊँगा
किसी के नजारों में जो मैं गिरा तो सायद ही कभी मैं उठ पाऊँगा
इसीलिए दुसरों से अपेक्षाएँ रखना छोड़कर खुद को रहा हूं मैं तराश
बस मेहनत ही है जो सबको मेरे खास होने का कराएगी एक दिन एहसास

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9 MAR AT 0:04

मानता हूँ जीवन में सफ़लता आपके संबंधों की संख्या को बढ़ाती हैं
कभी-कभी सफ़लता की भूख ही हमारे संबधों को तार तार कर जाती हैं
सुनते आया हूँ बचपन से ही की कुछ पाने के लिए पड़ता हैं कुछ तो खोना
ये भी एक सच है कि कुछ पाकर जब अपनों को खोते हैं तो जीवन भर पड़ता है रोना

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24 FEB AT 11:39

अच्छा होगा उनसे दूर ही हो जाना
जिनको नहीं आता हो रिस्तों को निभाना
जिनके लिए रिस्तों से ज्यादा धन दौलत हो ज़रूरी
उनके पास सब होते हुए भी जिंदगी रहती हैं अधूरी
उनलोगों को चाहे दे दो ख़ुद कों सुधारने के मौके हज़ार
कभी नहीं सुधरेंगे ये लोग साबित कर दिखाएंगे हर एक बार

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18 FEB AT 11:36

सच तो सच हैं दिल को तो दुखाती हैं
स्वीकार लो सच को उलझने सुलझ जाती हैं

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13 FEB AT 9:59

अच्छे इंसान को समझना कभीं आसान नहीं है होता
होता समझना आसान तो कोई अच्छे इंसान को न खोता

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11 FEB AT 18:29

अक्सर ठोकर लगने से चीजें टूट ही जाती हैं
सफ़लता ही है जो ठोकर लगने के बाद ही आती हैं

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26 JAN AT 22:28

मुझे तोड़ कर तूने मेरी जिंदगी बनाई
अच्छा हुआ जो तु मेरे लिए हो गई पराई
मेरे आँख पर जो पर्दा था पड़ा उसे तूने हटाया
सफ़लता जरूरी है तेरे जाने के बाद मैं समझ पाया
मैं डूब गया इतना तुझमें की खुद तक के पहचान को गवाया
तेरे ठुकराने ही ने मुझे आज सफ़लता के इस मुकाम पर पहुंचाया

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12 JAN AT 8:55

हर कोई चाहता है खुद के हिसाब से दुनिया को बदलना
जीवन सुखमय हो जाएगा अगर सीख लिया सबके संग चलना

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