तेरा दीदार करूँ लम्बे अरसे से संजो रखी दिली तमन्ना
नजर आजा कहीं भी,मिला निगाह दिल करेगा प्रसन्ना
दर्श संग मिल पूरे नोट का मज़ा लेना बिन खर्चे अधन्ना
आ छैला,छबीली बुलाए चूसने मीठा रस टपकाता गन्ना
भूल जाना लाजिमी गैला,चाहे कहीं से भी पा तू रवन्ना
नाचे-कूदे कर ताक-धिना-धन्ना,जो खिले दोनों का मन्ना
भले न हो "पाई" यहाँ पहुँच मान्य हो जाएगा सेठ धन्ना
इत्ते सारे फायदे आने से ही तो क्यों है मना दिखा नन्ना
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