दोहा'ग़ाफ़िल' देखी नयन को, पुरा न दिजे बिसारि ।जहां काम आवे सुरा, कहां करे नव नारि ।। -
दोहा'ग़ाफ़िल' देखी नयन को, पुरा न दिजे बिसारि ।जहां काम आवे सुरा, कहां करे नव नारि ।।
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इस बार भी सबसे नजर बचा के ,तुम्हारी यादें और तन्हाई साथ ले आया हूं, इस साल सब बदल डालूंगा ,खाली हाथ दिखा के मैं 'गाफिल' मुस्कुराया हूं। -
इस बार भी सबसे नजर बचा के ,तुम्हारी यादें और तन्हाई साथ ले आया हूं, इस साल सब बदल डालूंगा ,खाली हाथ दिखा के मैं 'गाफिल' मुस्कुराया हूं।
इस जाड़े लाभ-हानि के प्रश्न पर सूखा पड़ जाए 'ग़ाफ़िल' मेरे हिस्से गम की खेती, तेरे हिस्से आंसू की बरसात ना हो, सर्दी कोहरा बारिश वाली रात ना हो, ज़ख्म मेरे ताजा हैं ऐसे में बरसात ना हो। -
इस जाड़े लाभ-हानि के प्रश्न पर सूखा पड़ जाए 'ग़ाफ़िल' मेरे हिस्से गम की खेती, तेरे हिस्से आंसू की बरसात ना हो, सर्दी कोहरा बारिश वाली रात ना हो, ज़ख्म मेरे ताजा हैं ऐसे में बरसात ना हो।
कोई प्यार कहां करता है -
कोई प्यार कहां करता है
सोचा था कि इस बार दिलो दिमाग से उतर फेंकूंगा तुम्हारी तमाम यादें और देखो ;साल के आखिर में डायरी के मुडे़ -तुडे पन्ने बिखरे पड़े हैं कमरे में शब्दों की पुरानी उतरन की तरह। -
सोचा था कि इस बार दिलो दिमाग से उतर फेंकूंगा तुम्हारी तमाम यादें और देखो ;साल के आखिर में डायरी के मुडे़ -तुडे पन्ने बिखरे पड़े हैं कमरे में शब्दों की पुरानी उतरन की तरह।
बिना फायदे के कोई व्यापार क्यों करे सिर्फ प्यार के लिए कोई प्यार क्यों करे। पुराने किताबी प्रेम के रस्ते ही चलकर भला कोई नया आशिक प्यार क्यों करें। -
बिना फायदे के कोई व्यापार क्यों करे सिर्फ प्यार के लिए कोई प्यार क्यों करे। पुराने किताबी प्रेम के रस्ते ही चलकर भला कोई नया आशिक प्यार क्यों करें।
प्रेम की राह निश्चय ही बहुत कठिन किंतु अति प्रिय है तुम्हारे ह्रदय से निकली कविताओं के अर्थ और भाव की तरह। -
प्रेम की राह निश्चय ही बहुत कठिन किंतु अति प्रिय है तुम्हारे ह्रदय से निकली कविताओं के अर्थ और भाव की तरह।
ना मंजिल है ना कोई रास्ता जाने क्यों दिल हर बार तेरी गलियों में भटकने चला आता है। -
ना मंजिल है ना कोई रास्ता जाने क्यों दिल हर बार तेरी गलियों में भटकने चला आता है।
दहशत से मेरा दिल दहल रहा था बारूद बिछा था घर की तहों में और वो ग़ाफ़िल'माचिस के लिए मचल रहा था -
दहशत से मेरा दिल दहल रहा था बारूद बिछा था घर की तहों में और वो ग़ाफ़िल'माचिस के लिए मचल रहा था
कातिल होते हैं पर गुनहगार नहीं होते वे रास्ते जिन पे लिखा होता है आगे खतरनाक मोड़ है -
कातिल होते हैं पर गुनहगार नहीं होते वे रास्ते जिन पे लिखा होता है आगे खतरनाक मोड़ है