के अब बस दिखावे के लिए हमे याद मत करना ।
कैसे हो, तुमने खाना खाया , ये सब भी बकवास मत करना ।।
हां हम बेवकूफ है, क्युकी नरम दिल है हमारा ,सब पता है हमे।
पर जब तुम्हारी कोई न सुने और रोने का भी दिल करे, तो अब हमे मुआफ़ करो , हमारी तलाश मत करना ।।
तुम जहनशी हो जानते थे हम ये भी ।
के अब किसपे और कितनी बिजलियां गिराओगे कोई हिसाब मत करना ।।
हम फ़कीर है, गुजारा कर ही लेंगे , काफी है हमे इश्क़ की चांदी और जज्बातों का सोना ।
तुमको नाज़ है जिस हुस्न ए लबाब पर , गर कोई हमसा बादशाह ना मिले तो मलाल मत करना ।।
इश्क़ था और इश्क़ रहेगा भी वेइंतहा ।
के अब मर भी जाएंगे ,तो भी तुम हमको याद मत करना ।।
खैर छोड़ो तुम क्या समझोगे, और समझ कर करना भी क्या, तुम खुश हो इसी में हम भी खुश ।
रहम है उसका जो कलम चल रही है और आज भी दिलो पर कायम है बादशाहत हमारी ।।
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