Garima Soni   (गरिमा)
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Joined 24 April 2020


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18 JAN 2023 AT 13:28

गिरते उठते क़दम बढ़ाया है , कभी आगे तो कभी पीछे , जब भी रुकने का मन किया तो बीता हुआ कल नज़र आया है ,

कुछ कमियां थीं तो कुछ बुराईयां , आंखों में नए ख़्वाब लिए भविष्य का सुनहरा सा सवेरा मुस्कुराया है ,

इसीलिए तो कहा है , ये जिंदगी आसान नहीं इसे ऊपरवाले ने तुम्हें निखारने के लिए ही तो बनाया है ,

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17 JAN 2023 AT 11:27

बन जाना सहायक मेरी , ये पतंग आसमां के पार लेजाऊंगा ,
इस जन्म में न सही , अगले जन्म में निश्चय ही तुम्हें अपना बनायूंगा ,

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15 JAN 2023 AT 22:48

Play with yourself without any sports equipment... Just imagine you hit the ball and no one is standing in front of you to catch it...
Then jump without a rope as you go over the obstacles...
Swing like a bird as it flies across the sky without any fear....
Play chess as you are the only player and the king of the game...
let's play like a best and only player in your life with self competitor to make this whole game full of satisfaction...

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15 JAN 2023 AT 13:55

मिट्टी में मिल गया वो शरीर
उस वतन की आन में ,

न जलाया उसे न दफनाया
वो तो लिपट गया देश के
तिरंगे की शान में...

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13 JAN 2023 AT 18:35

है कान्हा तुम संग बीते वक्त का मैं कोई हिसाब नही रखती, मैं बस लम्हें जीती हूं... इसके आगे कोई ख़्वाब नही रखती।

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13 JAN 2023 AT 13:10

Is the reflection of your
frailty through which
you often see mee...
and it's continuously
multiplying into that
greatest power ever...

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13 JAN 2023 AT 12:16

अब इस पूरे जगत को नहीं केवल
तुम्हारी दुनिया को रोशन करेंगे ,
न तो हमसे कोई शिकवे होंगे
न गिले अब इसी चांदनी के
नूर से तुम्हरा अंधकार हरेंगे ,

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12 JAN 2023 AT 11:58

भारत ने पाया था इक युवा जो
बन गया अल्पायु में संन्यासी ,

आध्यात्मिकता की लहर छेड़
डाली जिसकी थी यह धरती प्यासी ,

बाल्यावस्था में था चंचल बालक
न जानें वह कैसे गंभीरता को प्राप्त हुआ ,

चला हटी करने धर्म की स्थापना पाश्चात्य
जगत में जिसने सबका हृदय छुआ ,

गर्जना हो उठी तालियों की जब
स्वामी ने सहजता से प्रचार किया ,

प्रफुल्लित हो उठा हृदय गुरु
का जब शिष्य ने भारत की
महिमा का अद्भुत परिचय दिया ,

अडिग, अचल, अविचल युवा जिसकी
गाथा इतिहास सदियों तक गाएगा ,

न तुम भूलो न हम भूलें
आज का युवा ही सोते हुए
भारत को जगाएगा ,

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11 JAN 2023 AT 19:51

ही यह की जीवान का हर एक पहलू शुरूआत में मधुरता के चरम पर होता है , और अंत तक पहुंचते पहुंचते अनुभव में परिवर्तित हो ही जाता है।

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9 JAN 2023 AT 12:13

नीलांचल निवासाय नित्याय परमात्मने।
बलभद्र सुभद्राभ्याम् जगन्नाथाय ते नमः।।

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