G N Khan   (@naazdiary__)
1.8k Followers · 75 Following

Joined 14 June 2020


Joined 14 June 2020
24 FEB 2021 AT 6:32

गुल - अंदाम लब से यूँ अग़राज कर गए
कुछ दस्तियाब लम्हों को वो खास कर गए

चन्द शब ओ रोज़ गुज़रे औ' हमराज़ बन गए
फिर तारों का तालिब वो औ' महताब बन गए

इमरोज़ बहके जिस्म औ' सय्याद कर गए
उस बे-हया सी शाम को इक राज़ कर गए

फिर यूँ हुआ, कि क्यूँ हुआ ये इश्क़" कह गए
हम तन्हां थे उस आस्तां पर तन्हां रह गए

-


20 FEB 2021 AT 17:58

"ये तेरी यादें जो मेरी शामें बे-दिला कर जाती हैं
कर यक़ी के मेरी रातें नम आँखों में गुज़र जाती हैं

-


18 FEB 2021 AT 18:36

जो थी मुहब्बत तेरे नाम से
परवान चढ़ रही है

तू नहीं है तेरी याद
शब-ओ-रोज़ बढ़ रही है

-


11 FEB 2021 AT 18:47

खुद को भुलाकर तुझमें शामिल हो जाऊँ मैं
तू जो कहे तो हँस कर सब गम सह जाऊँ मैं

-


5 FEB 2021 AT 18:36

"ना देखा मुड़कर जानिव-ए-यारा इक बार उसने...
औ' कहता है कोशिशें हज़ार की मनाने की"

-


31 JAN 2021 AT 17:32

"ना सोंचो अन्ज़ाम-ए-सफ़र इतना...
गर की हो मुहब्बत तो मुकम्मल कर दो"

-


14 JAN 2021 AT 18:18

ना लुप्त हो चुके स्वप्न का कोई अर्थ निकल पाता है
ना केवल सौन्दर्य से प्रेम परिपूर्ण हो पाता है...

-


13 JAN 2021 AT 18:45

"यक़ी करूँ तो करूँ किस पर
न अपनो ने कसर छोड़ी है न किस्मत ने"

-


9 JAN 2021 AT 6:49

"हो के बे-परवाह हम थे कह गए परवाह नहीं
है यक़ी कर चाह इतनी बिन तेरे लम्हा नहीं"

-


8 JAN 2021 AT 6:38

मन्ज़िल की मुकम्मल हर तलाश हो ये ज़रूरी तो नहीं
कुछ सफर अधूरे ही बेहद खूबसूरत लगते हैं

-


Fetching G N Khan Quotes