उस रोशनदान को रोशनी लौटा दो वो अंधेरे की परत अब हटा दो बहुत हो चुका दुबक कर बैठना सीधे खड़े होने का मेरुदंड लौटा दो करो ललकार, छोड़ो अनुरोध अनुशासन बद हुंकार भर आराजकता को अब तिलांजली दो वक़्त है कुछ कर दिखाने का इंतज़ार को अब मिटा दो उठो देखो रोशनी है आई मिलने इस तमस को अब पछाड़ दो