करते रहे गुफ़्तगु, ख़ुद से ही ताउम्र थी ख्वाहिशें ख़ुश रहने की, रहे मुन्तज़िर ताउम्र ख़ुद में भी तलाशा, की कोशिशें हज़ार, ख़ुद के साथ बिताया वक़्त, रहे तन्हा ताउम्र
दिन रात तू मुझे, मेरे साथ चाहिए हर बात में मेरे, शुमार चाहिए चाहत से भरपूर, एक जहां चाहिए ज़िंदा हूँ पर जीने का एहसास चाहिए है गुज़ारिश यही, है इल्तिज़ा यही ख़ुश रहने की तू ही वजह चाहिए
भर दो मुझको प्यार से पहले, फ़िर घूँट घूँट तुम पी लेना कर दो मुझ पे जाँ निसार, फ़िर जाँ तुम मेरी ले लेना खाली हूँ, ख़यालों में हूँ, प्यार भी है ख़यालों में सच तुम इसको करदो पहले, फ़िर प्यार तुम मेरा पा लेना