Dr. Kailash Chandra  
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Joined 7 May 2018


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29 FEB AT 15:01

यादों के सहारे जी लेंगे
तुम चले गए हम जिंदा हैं ,यादों के सहारे जी लेंगे
शिकवा भी अब ना करेंगे हम,यह जहर जुदाई पी लेंगे
संग गुजरे थे जो पल सारे , रह रह करके याद आते हैं
यह यादें ही अब थाती हैं , यादों के सहारे जी लेंगे
जो जो थी बातें दरम्यांनी,छोड़ो अब उनसे क्या हासिल
तुम छोड़ गए ,मुंह मोड़ गए, होठों को अपने सीं लेंगे
वादे तो तुमने बड़े किए , पर निभा एक भी नहीं सके
जाने भी दो उन बातों को , हुआ चाक गिरेबां सी लेंगे
तुम समझे जी नहीं पाएंगे , मेरे बिन तन्हा तन्हा यूं
तिलतिलदुख,पर्वत क्यों न बने,तेरी यादोंकेसंग जी लेंगे
खुदगर्ज बने तुमभी कैसे,सबको यूं बिलखता छोड़दिया
पर तुम हर हाल सुखी रहना, आंसू तो हम ही पी लेंगे
अब,तो यादों के सहारे जी लेंगे......

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2 DEC 2023 AT 19:34

एक अधूरी दास्तान, जो रह गई है अब अधूरी
साथ चले थे सफर में तुम तो तय कर सके ना दूरी
बीच सफर में थक गया राही, करने लगा विश्राम
तनिक ना सोचा कैसे हमारी , कटेगी सुबह शाम
कह तो देते हमको थोड़ा , क्या थी वो मजबूरी
एक अधूरी दास्तान....

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28 OCT 2023 AT 16:10

बोलने से पहले कुछ तो विचार करो
सबके साथ ही सम्यक सद्व्यवहार करो
नफरत क्यों करते हो कुछ इंसानों से
ईश्वर के बंदे हैं , सबसे प्यार करो
भला नहीं हो सकता,मत करो बुराई
निंदा करने से भी पूर्व विचार करो
कोई गलत राह जाता है जाने दो
उसे देखके तुमतो,मत दुराचार करो
गलती को जीवन में मत आश्रय देओ
झूठी बात का कभी नहीं प्रचार करो
कोई साथ नहीं देताहै,छोड़दो उसको
जबरदस्ती आने को मत लाचार करो
जरा विचार तो करो......

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27 OCT 2023 AT 20:11

सुख ही सुख होगा रे बंदे ,राम जपा कर
जग के संतापों से , इतना मत तपा कर
राम ही नैया पार लगायें , खेवनहार हैं
बीच भंवर में नांव देखके,मत कांपा कर
अपने हाथों से भी करलो,काम कभी तो
अपने सिरकीबला,औरको मत सौंपाकर
जो है किस्मत में तेरे ,वो मिलेगा तुझको
मालपराया देखके,उसको मत हड़पाकर
नेकी कर दरियामें डाल,सुध आगे की ले
करके परउपकार,मनसा शुभ संकल्पाकर
करना है यदि काम, हमेशा करो भलाई
मीठी वाणी बोलो ,गुस्सा मत बरपा कर
सुख ही सुख होगा रे बंदे......

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27 OCT 2023 AT 16:29

क्यों शिकायत करें दुश्मनी और बढ़ेगी
काम भी होगा नहीं,बात और बिगड़ेगी
करी शिकायत उसकी ग़र जो अहलकार को
मानेगी नहीं बिल्कुल , और ज्यादा उखडे़गी
हो गई अगर शिकायत , वो गुस्सा भी होगी
देखते ही दरख्वास्त , नाक भौहें सिकोड़ेगी
सारे शहर की हाकीम है , वो नहीं मानेगी
जो कह दिया है उसने,बस उसपे ही अड़ेगी
ज्यादा बात करी तो , बहुत बुरा भी मानेगी
सीधे से भी कहो तो , और उल्टे ही चढ़ेगी
इसीलिए करना न शिकायत, चुप बैठो ना
देखना फिर कैसे , कड़ी से कड़ी जुड़ेगी
इसलिए क्यों शिकायत करें.....

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27 OCT 2023 AT 13:17

बात बढ़ा कर क्या होगा ,निश्चित ही झगड़ा होगा
सुलह सफाई से नहीं माने ,आगे भी लफड़ा होगा
बात बढ़ेगी आगे तो , फिर मारपीट हो सकती है
इसमें वो ही जीत पाएगा,आदमी जो तगड़ा होगा
कुश्तीपछाड़ हुई आपसमें,लात और घूंसे भी चले
कईजगह से छिलगया वोतो,उसने बहुतही रगड़ाहोगा
बाहों में भरकर के उसने,ऐसा उसको धर पटका
भुजापाश में बांधके उसने,अच्छेसे जकड़ा होगा
दिखने में था सीधा-साधा,तभी भरोसा कर बैठे
पहले कुछभी पतानहींथा,आदमी ये बिगड़ाहोगा
बड़ेरुआंसा होकरउसने,जबथी दिलकीबातकही
मैं भी गया पसीज जो उसने,अपना रोया दुखड़ा होगा
अब,बात बढ़ा कर क्या होगा.....

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26 OCT 2023 AT 18:09

सबसे अच्छे से मिलिए, दिल खोलकर
दोनों हाथ जोड़के , राम-राम बोलकर
आंख मींच के ,नहीं भरोसा करना है
राज की बात बताना,दिल टटोल कर
अनजाने लोगों से मत संपर्क बढ़ाओ
मन की बात कहो नहीं,मुंह खोलकर
बात जो सच है,जाहिर चाहे कर देना
बोल बोलना पहले , उनको तोल कर
जो है थोड़े अजनबी,पर कुछ जाने से
संपर्क बढ़ाना उनसे भी,मेलजोल कर
जिनके पेट में हरगिज बात,नहीं पचती
मौन रहो उनके आगे तो,अनबोल कर
मीठी मधुर वाणी में ,सबसे बात करो
बोलो मीठा कानों में,मिश्री सी घोलकर
सबसे अच्छे से मिलिए......

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26 OCT 2023 AT 15:30

कद्र नहीं जज्बात की अब , किसको बात बताएं
इससे अच्छा जाहिर ना कर,मन में ही उसे छुपाएं
इज्जत जहां नहीं मिलती है,बिना मान नहीं जाना
जहां मान सम्मान नहीं हो ,उस घर कभी न जाएं
जिससे लेना-देना भी नहीं,वहां कभी मत झांको
सीधे रास्ते, चलते जाओ , इधर-उधर नहीं जाएं
जो भी घर में रूखी सूखी,खाकर पेट तो भर लो
बिना मान पकवान मिलें तो,वो भी कभी न खाएं
भली दोस्ती बाहर की ,अब वैसा नहीं जमाना है
हाए ,हेलो के दोस्तों को , घर पर भी नहीं बुलाएं
एरों गैरों के आगे तो,मन की बात कभीनहीं बोलें
जो कोई मनकीबात समझलें,उनको दोस्तबनाएं
जिससे ली है हाथ उधारी , वक्त पर उसे लौटाएं
माल अगरचे लिया किसी से,पहले उसे पहुंचाएं
वैसे कद्र नहीं जज्बात की अब.....

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26 OCT 2023 AT 13:01

खुश रहने की कोशिश में,उल्टे ही दुख मोल लिया
खैर है इसी बहाने से ही,सबका दिल टटोल लिया
आएंगे वो घर पे हमारे , खुल जाएगी किस्मत भी
आहट जो आने की हुई,दिल दरवाजा खोललिया
खुशी आज जैसी हमको तो,पहले कभी हुई नहीं
मन पे रहा नहीं काबू है , टाँग गले में ढोल लिया
वो आएंगे ,क्या बोलेंगे , सोच लिया है पहले ही
कैसे उनसे बात करूंगा ,पहले मन में तोल लिया
गैर नहीं वो भी अपने हैं,अपनों से फिर डर कैसा
फिर भी ऐतिहातन पहले,उनसे बढ़ा मेलजोल लिया
खुशियां आएंगीं,वो आएँ,मनमेंबात तो जाहिरथी
खुशियां ही खुशियां दामन में,जीवन में रस घोल लिया
वो आएंगे, मेरी इज्जत , सारा शहर ही देखेगा
बात ये पहलेसेही कहके,मैंने भी मुँह खोललिया
खुश रहने की कोशिश में.......

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25 OCT 2023 AT 19:50

मेरे बस में नहीं है बात
सुलग रहे हैं क्यों जज्बात
मन पे काबू कैसे करूं मैं
मानता नहीं है कोई बात
बात ये इतनी बिगड़ गई है
काबू में नहीं अब हालात
बार-बार सोचता रहता
उठते हैं व्यर्थ खयालात
बचना तो चाहा था उससे
फिर भी होगई ये वारदात
अल्लाह ही अब खैर करे तो
हो सकती कोई करामात
मेहनत का फल ही मिलता है
बँट नहीं रही यहां खैरात
मेरे बस में नहीं है बात......

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