खुश रहने की कोशिश में,उल्टे ही दुख मोल लिया
खैर है इसी बहाने से ही,सबका दिल टटोल लिया
आएंगे वो घर पे हमारे , खुल जाएगी किस्मत भी
आहट जो आने की हुई,दिल दरवाजा खोललिया
खुशी आज जैसी हमको तो,पहले कभी हुई नहीं
मन पे रहा नहीं काबू है , टाँग गले में ढोल लिया
वो आएंगे ,क्या बोलेंगे , सोच लिया है पहले ही
कैसे उनसे बात करूंगा ,पहले मन में तोल लिया
गैर नहीं वो भी अपने हैं,अपनों से फिर डर कैसा
फिर भी ऐतिहातन पहले,उनसे बढ़ा मेलजोल लिया
खुशियां आएंगीं,वो आएँ,मनमेंबात तो जाहिरथी
खुशियां ही खुशियां दामन में,जीवन में रस घोल लिया
वो आएंगे, मेरी इज्जत , सारा शहर ही देखेगा
बात ये पहलेसेही कहके,मैंने भी मुँह खोललिया
खुश रहने की कोशिश में.......
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