Dr. Anshul Jaju   (Dr. Anshul Jaju)
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Joined 15 November 2020


Joined 15 November 2020
17 APR AT 14:55

वक़्त की साजिश कहूँ , कुदरत का खेल कहूँ या कहूँ इसे बदनसीबी ,
अब तो मानो जैसे तुमने मुझे तुम्हारे ख्यालों में भी मिलने से इंकार किया है ।
वो कहते थे ना तुम की तुम्हे समंदर के किनारे टहलना बेहद पसंद है ,
तुम्हारे दीदार की आस में मैंने अश्कों से समंदर बनाकर तुम्हारा इंतजार किया है ।

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15 NOV 2020 AT 17:57

HAPPY DIWALI
शब का अंधेरा दूर हो,
अश्क भी हमें शबनम लगे ।
दीप की तरह जीवन में भी इतनी रोशनी हो की,
हर अमावस भी सबको पूनम लगे ।

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