Divyani Gupta   (Vairagi Mann)
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Joined 1 September 2022


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Joined 1 September 2022
5 APR AT 16:06

बड़े हुए तो क्या हुआ दिल तो अभी बच्चा है जी × 2

इसी बड़ेपन में कुछ बचपन वाली शरारते है
समझदार बनकर भी नासमझ वाला व्यवहार है
मतलबी जमाने में भी दिल को साफ रखो
माना नफरतों का कहर है पर प्रेम को भी बांटते रहो

दिल में तो छाई उदासी है
पर चेहरे पर मुस्कान है
कभी रूठता है तो
पलभर में मान जाता है ये

कभी करता नादानिया तो
कभी बन जाता समझदार है
कभी हताश है तो
कभी अनंत सुख का आभास है

दिल तो स्वच्छ निर्मल है जी
भावनाओं में बहती अविरल गंगा सी
शायद इस उलझन भरी जिंदगी में भूल गए है
पर कुछ शरारते अभी भी जिंदा है जी

बड़े हुए तो क्या हुआ दिल तो अभी बच्चा है जी ।।

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21 MAR AT 10:34

जैसे साधारण जल यदि मां गंगा की धारा में जाकर मिल जाए तो वो अपने आप मूल्यवान हो जाती है वैसे ही आप स्वयं को अध्यात्म, ईश्वर में मिला दीजिए मूल्यवान आप स्वयं हो जाएंगे ।।

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27 FEB AT 12:46

जब व्यक्ति के भीतर आंसुओ का सैलाब होता है उसके पास कोई सुनने वाला न हो न कोई समझने वाला तब वो उस सैलाब के बांध को रोका रहता है शायद इस डर से कि कहीं कोई देख न ले और उसके आंसुओं का कब मजाक बना दे
तब वह सैलाब का बांध वहां जाकर टूटता है जहां उसके, प्रकृति, ईश्वर और आकाश के सिवा कोई न हो जो उसके भावनाओं का मजाक न बना सके

अपने जीवन के हर मोड़ पर किसी का साथ दे पाए या न दे पाए किन्तु कभी किसी के भावनाओं का किसी के आंसुओं का मजाक मत बनाना
अज्ञातवस हर मनुष्य भावनाओं में बह जाता है शायद इतना की जब उसे स्वयं संभलना हो तो वो संभल ना पाए
इसलिए भावनाओं को स्वयं पर हावी न होने दे कलयुग है ये साथ तो नहीं देंगे लेकिन मजाक बना देंगे

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18 FEB AT 18:25

प्रत्येक हर किसी चीज में निहित स्वार्थ होता है संसार में कुछ भी निस्वार्थ नहीं होता मुफ्त का कुछ मिले तो उसके पिछे भी कुछ स्वार्थ ही छिपा होता है इसलिए कुछ भी मुफ्त का नहीं केवल अपने कर्म का लेना चाहिए अन्यथा मुफ्त का कहीं न कहीं चुकाना ही पड़ता है

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1 FEB AT 16:26

जीवन एक यात्रा की तरह होता है,
जिसमें व्यक्ति एक स्थान के समान होता है
कहीं यात्रा पर हो तो कोई स्थान हमें बेहद पसंद आ जाता है जहां कुछ समय व्यतीत करते है और वहीं ठहर जाना चाहते है किंतु उस स्थान को छोड़कर एक समय में हमे वापस अपने स्थान पर आना ही पड़ता है और वह स्थान हमारा एकांत है !!

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31 JAN AT 9:57

• एकांत में दुःखी होना सरल है !

किंतु प्रसन्न होना ?? कठिन !

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14 JAN AT 11:15

बड़े हो गए तो क्या हुआ 

दिल तो अभी बच्चा है जी और इसे बच्चा ही रहने दो ये बड़ा हुआ तो कई अनिष्ट हो जाएगा
चेहरों से मुखावरण हट जाएंगे,  कुछ अपने इमान से गिर जाएंगे

कुछ रिश्तों का अंत तो कुछ आक्षेप भी धुल जाएंगे 
बड़ी बड़ी जिम्मेदारियों के बीच 
बच्चों वाली हरकतों में ही सुकून है
इसी दिल के किसी अंतराल में कुछ कटु वचनों का प्रतिव्युह है 

जिस दिन ये बड़ा हुआ तो कुछ अमर्ष का व्याध होंगे
दिल तो अभी बच्चा है जी और इसे बच्चा ही रहने दो

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6 OCT 2023 AT 16:51

तेरे जानें के बाद दर्द तो हुआ
मगर मुस्कुराना आ गया
दिल में दर्द छुपाना आ गया
अन्दर ही अन्दर टूटी हूं
पर सबको समेटी हूं
तेरे जानें के बाद दर्द तो हुआ
मगर मुस्कुराना आ गया

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5 OCT 2023 AT 15:34

जिसे दूर जाना होता है
वो चल ही जाता है
कितना ही अपनापन, फिक्र
प्रेम , विश्वास कर लो
लेकिन जिसे दूर जाना होता है
वो चल ही जाता है

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3 OCT 2023 AT 21:29

तुम्हें प्रेम नहीं इस सच से वाकिफ हूं
देखी थी जो ख्वाब वो पूरे नहीं होंगे
देखना चाहती थी तुम्हारे संग चांदनी रात
अधूरे रह जाएंगे ये हकीकत जानते हैं हम

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