divya sharma   (Divya S.)
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Joined 1 February 2020


Joined 1 February 2020
28 JAN 2022 AT 13:30

"तुम बिन"

कुछ दिन तेरे बिन गुज़रे जो कर देंगे बर्बाद हमें
कुछ दिन तेरे संग गुज़रे जो, बस वो ही रखेंगें साथ हमें

जान तुम्हारी दिल तुम्हारा, आँखों में है अक्स तुम्हारा
तुम बिन भी दुनिया थी कोई, ये नहीं अब याद हमें

तुझको जीतूं और हार दूँ सब कुछ, करनी है फरियाद हमें
ग़म मिले सब पहले मुझको और सुख तेरे बाद हमें

अब तो तुझ संग जोड़ चुकी है, जीवन की बुनियाद हमें
देख ना कब से भिगो रही है, खुशियों की बरसात हमें .... — % &

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25 DEC 2021 AT 21:07

Dear Santa....
Can u give me one of your kidney
As I want to buy an "i phone".

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15 AUG 2021 AT 11:10

I also want to celebrate "The Independence Day"; but, how can I ?
How we all can celebrate this auspicious day ... When we are still slaves?
YES...SLAVES.
Slave of our mentality. We are still divided in religion, caste, creed, language, between the down trodden people & upper class, between the Genders. The true n toughest independence is still waiting for us. The communist riots, the reservation system in every field and many more things like this, have made us their Slaves. We are still colonised by mind ... We are still biased.
I really don't think in a country like India, where people are judged by colours ( green n Bhagwa ), they have a right to celebrate Independence Day.
Of course, 15 August, this date has a great importance in our history and we should remember and celebrate the martyrdom of our brave soldiers.
But, I am still waiting for my country to get
Independence.

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28 JUN 2021 AT 12:33

जो प्रेम है तो कह दो सखी, काहे को उदास हो
किसी के लिए बस हो तुम, किसी की पूरी आस हो
तुमसे ना हो तो मैं कह दूं, मन की भी कोई बात हो
मुंह पे ताला पड़ा है तेरे, कौन मेरी ज़बान हो ?
नैनों का पथ चुना अब मैंने, उसको न अब टार दो
उससे प्रेम है ये कह भी दो, शक्ति को विस्तार दो
कहो की उसका साथ मिले तो, जीवन पूरा वार दो
हाथों में गर हाथ मिले तो, अपनी नज़र उतार लो
मैं कितना कुछ कहता हूं अंदर, सुन मेरी भी बात लो
एक बार तो मान लो मेरी, उसको ये समाचार दो
मैं तो हिस्सा हूं तेरा, पर मुझमें वो समाया है
तू ही न सुने मेरी तो, किसने साथ जताया है
कर लो जो कहता हूं मैं, या मुझसे उसे निकाल दो
कह दो उसे या मार दो मुझको, किसी तो राह पे डाल दो
तुम बोलो ना गाल पे लाली, नैनों को अधिकार दो
ऐसा भी क्या जुर्म किए हूं, सुन लो मेरी पुकार को
जो प्रेम है तो कह दो सखी! काहे को उदास हो
जो भी मर्ज है तेरा-मेरा, मुमकिन है, दवा उसी के पास हो ।।

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28 APR 2021 AT 17:45

तुम्हें खो कर ज़िंदगी हार दी अपनी
अभी सांसें चल रही हैं, देख, ज़िंदगी से हारे नहीं है हम

तू सही या मैं गलत, इसी में गुज़ार दिया वक्त सारा
अपनी - अपनी जीत प्यारी है, एक-दूजे को प्यारे नहीं हैं हम

मेरी मोहब्बत पर सवाल ना उठाना भूलकर भी कभी
ऐसा कुछ भी नहीं मेरे पास, जो मोहब्बत पर वारे नहीं हैं हम

तेरे साथ की खातिर तरसे हैं तेरे पास होकर भी,यही एक शिकायत थी
बाकी, जितना समझा तुमने, उतना भी खारे नहीं हैं हम

तुम्हें गिला होगा की लौटे नहीं वापस;अपने सामने मरते देखें अपना प्यार
माफ करना, इतने भी बेचारे नहीं हैं हम

तुम मुझसे नफ़रत करो लाज़मी है बेशक
पर तेरी एक ख्वाहिश को जो टूट जाए, हां.... वहीं सितारे हैं हम

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23 APR 2021 AT 13:51

उसने छोड़ दिया मुझे और हिदायत दी कि खुश रहूं मैं
अरे ! कोई बताए उसे, पत्थरों में जां नहीं होती

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27 MAR 2021 AT 23:05

धर्मवीर भारती जी की
गुनाहों का देवता पढ़ने के बाद ...👇

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27 MAR 2021 AT 7:45

तुम्हें पता है ?
मैं बिल्कुल याद नहीं करती तुम्हें
राधा ने कभी कृष्ण को याद नहीं किया था
वो उसके साथ होती थी
हमेशा
अपनी स्मृतियों में

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19 MAR 2021 AT 16:08

क्यूं बस कमज़ोरी की निशानी हूं, मुझे भी सम्मान का हक़ अता कीजिए
कीजिए - कीजिए .... कुछ तो सही, कुछ तो भला कीजिए

अरे! मर्द होकर रोते हो, चूड़ियां पहन लो
अमां छोड़िए, इस जेहनियत से ख़ुद को जुदा कीजिए

चूड़ियां कमज़ोरी नहीं है, ना ही कोई बंधन है
ये हंसती रहे हाथों में, बस यहीं दुआ कीजिए

चूड़ियां श्रृंगार हैं, लाज हैं, समर्पण हैं, त्याग हैं
इन्हें मोह बनाइए बेशक, कफस की न सज़ा कीजिए

अजी लीजिए, दीजिए प्रेम और सम्मान
सितमगर न बनिए, ना ही गमज़दा कीजिए

ना आंकिए मेरी रूह को जिस्म - सा कोमल
चंडी भी मैं ही हूं, जाइए, रूढ़ियों को रवां कीजिए

गर अब भी ना समझें हैं समाज के ठेकेदार
मेरी ज्याती राय है, जाइए... पहले दवा कीजिए ।।

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8 MAR 2021 AT 11:27


रणचंडी हूं मैं लक्ष्मीबाई
मैं तेरी हार करारी हूं
मैं .. नारी हूं ...

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