तुम यूँ मिले की कारवां सफर बन गया। चंद वक्त के लिए ही सही तू हमसफर बन गया।। नोंक-झोंक, रूठना मनाना, आम किस्सा है जिदंगी का, पर क्या यह सही है यूं वक्त गवाने का? आओ अपनाए आदतें, कुछ मन से कुछ अनमनें, कुछ मै समझु या शायद ज्यादा तुम समझो, पर गुस्सा छोडो और माफ भी करो, कातिलाना है यह चुप्पी, क्या यह तुम्हे भी नही चुभती? सपनों सा और सपनो का सफर है यही। चलो, फिर से शुरूआत करे नई।
बहुत कुछ बदल सा गया है मुझमें मैं, मै ना रही अब मुझमें, दूर तक रही तलाश, पर खुद को ना पाया खुद में, बडी हसरतें थी के कुछ दिन में गुजारूगीं तुझ में, तुम तक जानेकी राह पर पाया खुद को गुमशुदा, क्युकी ना थी जगह मेरे लिए तुझ में, बडी बेरुखी की थी खुद से, ताकि मैं रह सकूँ तुझ में, अब तू ही बता दे, कैसे लौटूं मैं मुझमें? क्युकी मैं , मैं ना रही मुझमें।
તારી પાસેથી કાંઇક ઉધાર જોઇએ છે ચિંતા ના રાખીશ મારે ક્યાં કાયમ માટે જોઇએ છે વ્યાજ આપીશ હું એનુ, ચક્રવ્રુધ્દિ અને સમયસર ચૂકવી પણ દઇશ..... જતન જીવથી કરીશ વધારે. જેમ લીધુ છે એમ પાછું પણ આપીશ.. અને હા આ દરમ્યાન તુ પણ વાપરી શકે કારણ કે તુ તો માલીક છે ને.... કોઇ નુકશાની જો આવે તો ભરપાઇ મારી... જો મંજુર હોય તો વાત આગળ કરીએ...