Dhruv ji   (Jazbati ladka)
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Joined 2 April 2020


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21 APR 2023 AT 8:59

मैंने लोगो को आँसू रोकते देखा है
खुद की भावना पर काबू करते देखा है
औरों की वज़ह से खुद को दुखी करते देखा है
मैने लोगो को खुद से लड़ते देखा है:॰)

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28 MAR 2023 AT 22:43

सोचो, बो शख़्स कितना टूटा होगा-
जो बात करते वक्क्त कॉल पर रोया होगा -॥

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14 MAR 2023 AT 18:00

खुशियों का कोई तय रास्ता नहीं होता।
हर इंसान को अपने लिए ख़ुद ही रास्ता बनाना होता है।
यह बात जिसने जान ली, समझो, खुशियों ने उसका पता लिख लिया।

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3 FEB 2023 AT 17:38

जब मैं याद करता हूँ
तो जज़्बात पर काबू नहीं रख पाता हूँ
क्योंकि कोई नही आता.
कोई इंसान मज़बूत कैसे होता है?
मज़बूत सेहत, परिवार, अच्छे दोस्त
और ज़रूरत लायक पैसे से होता है .

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25 JAN 2023 AT 23:10

अगर राह चलते आंखें नाम हो तो
उन आशुओ को रोक पाओगे क्या..?
अगर कोई उन आशुओ के आने की बजह पूछे तो
उन आशुओ की बजह बता पाओ गे क्या. :)

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6 JAN 2023 AT 22:59

यह जो आँखों में आँसू लेकर मुस्कराते हो…
ये हँसने का हुनर ​​कहाँ से लाते हो ः)

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4 DEC 2022 AT 1:47

एक किरदार, किरदार के भी कई किरदार
जितनी बार मिलो, हर बार एक नया किरदार
क्या करो गे, इतने किरदारो का साहब…
जब मरो गे, तो मर जाए गे सारे किरदार ः)

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16 JUN 2021 AT 22:27

पहले अख़बार बिकता था,
अब अख़बार

बिक चुका है ।

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5 JUN 2021 AT 18:30

मेरे किरदार को .....
मेरे आज से ना जानो ,
मैं जब पौधा था ......
तब भी बरगद था,

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29 MAY 2021 AT 8:29

यात्रीगण कृपया ध्यान दें।
ईश्वर सो गया है,
दुनिया ऑटो-पायलट मोड पर....
चल रही है।
उम्मीद और सीटबेल्ट कसके बाँध लें।।।।

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