Dharma Choyal   (Dh@४ma💜)
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Offfff🤞🇮🇳💗🌝
From-Jaipur Rajasthan🖤🇮🇳✌️
खामोशियां भी कमबख्त कहा़ ख़ामोश होती हैं।
Joined 4 May 2021


Offfff🤞🇮🇳💗🌝
From-Jaipur Rajasthan🖤🇮🇳✌️
खामोशियां भी कमबख्त कहा़ ख़ामोश होती हैं।
Joined 4 May 2021
15 OCT 2023 AT 17:14

Personal lost is parmanent.

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27 JUN 2023 AT 0:01

तू हक जताया कर , अच्छा लगता है
बिन बात के मुझे पर गुस्सा किया कर
अच्छा लगता है
मुझे सब बताया कर ,अच्छा लगता है
लापरवाही पर मुझे डांट लगाया कर,
अच्छा लगता है,
सामने बिठाकर,तुझे निहारा करू
अच्छा लगता है
ख्वाहिशें तेरी हो, पूरी मैं करू
अच्छा लगता है
संघर्ष में मेरे साथ रहना ,अच्छा लगता है
वक्त कितना भी कम हो
पर तुमसे मिलना अच्छा लगता है.....

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24 JUN 2023 AT 7:58

तू हक जताया कर , अच्छा लगता है
बिन बात के मुझे पर गुस्सा किया कर
अच्छा लगता है
मुझे सब बताया कर ,अच्छा लगता है
लापरवाही पर मुझे डांट लगाया कर,
अच्छा लगता है,
सामने बिठाकर,तुझे निहारा करू
अच्छा लगता है
ख्वाहिशें तेरी हो, पूरी मैं करू
अच्छा लगता है
संघर्ष में मेरे साथ रहना ,अच्छा लगता है
वक्त कितना भी कम हो
पर तुमसे मिलना अच्छा लगता है.....

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21 JUN 2023 AT 22:24

U too...
World
🌍 geography specialist Man...

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13 JUN 2023 AT 20:55

लंबे सफर में चलते चलते,
रास्ते अक्सर गुम हो जाते है।

इतने चौराहे मिलते है,इस जिन्दगी के सफर में ,
कि मंजिल से ही भटकते जाते है।

ठहर के कुछ लम्हों के लिए जब ,
हम अपने मकसद फिर दोहराते है,
धुंधली सी कुछ बातें ही याद कर पाते है।

ऐसे मंजर सबके रास्ते में आते है।
जब हम मंजिल को भूलकर रास्तों में खो जाते है।

आसान नहीं इस जिन्दगी का सफर,
हिम्मत और उम्मीद से मिलकर कटता है।

जिंदगी का ये सफर हर किसी के लिए,
फूल और कांटो का रास्ता है।।
_ गजराज चौधरी 🚩

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12 JUN 2023 AT 20:01

सबसे पहले माता,
पिता को प्रणाम
और पिता तुल्य भाईयों का साथ,
विश्वास और संघर्ष, के साथ साथ
बच्चों, बड़ो,बुजुर्गों, रिश्तेदारों, मित्रों
के आशीर्वाद,प्यार,
हिम्मत की बदौलत ,
मेरा स्कूल व्याख्याता (1st grade),
के साथ साथ.
"RPSC २nd grade"में भी चयन हो गया है..

आप सब के बधाई संदेश
Calls 📞बड़ी मात्रा में आए
जिसके के लिए ,
मैं आप सब का सदैव आभारी रहूंगा।

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4 JUN 2023 AT 13:48

ये राज़ सिर्फ़
रेलगाड़ियां जानती है
कि
किस तन का टिकट कहा था
और
कौनसा मन
कौनसे स्टेशन पर उतर गया....

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4 JUN 2023 AT 0:10

हमें थोक में जलती चिताओ
से जलानी थी सीनो में आग,

तब सरकारी पत्रकारों ने
जादू से हमारी लाशों को
आंकड़ा बना दिया

हमारे आंसू बन गए "गणित"

उनके कफन से भी काफ़ी सफ़ेद कागज़ पर
उनका नाम की जगह
एक आंकड़ा लिखा गया
जिसमे उन सब लोगो को समेट दिया गया

उस आंकड़े में भी रेलगाड़ी जितनी भीड़ थी
उस आंकड़े में भी,
खड़े होने भर की जगह नहीं थी ...

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2 JUN 2023 AT 21:27

पहली बार गिड़गड़ाने से
"शब्द"
सूखते है

दूसरी बार से
"आंसू"

और

तीसरी बार के बाद
सूख जाते हैं
"भाव"। ....

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29 MAY 2023 AT 23:29

दिल बंजर बंजर लगता है
कैसा तो दिन भर लगता है

रिश्ते भी अब जंग है जिनमें
पीठ में ही खंजर लगता हैं

वह मेरा साया था कल तक
मुझसे क्यों हटकर लगता हैं

इतने ख़्वाब दफ़न है इसमें
दिल मुर्दों का घर लगता है

चांद से भी अब चारगिरी हैं
छत पर अब बिस्तर सा लगता है

बाहर बाहर देखने वालों
घुन अंदर अंदर लगता है...

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