जिस तरह मरूस्थल में एक राहगीर प्यास की आस में मृगतृष्णा से भ्रमित हो जाता है, ठीक वैसे ही मै तुम्हे देख कर हो जाता हूं... -
जिस तरह मरूस्थल में एक राहगीर प्यास की आस में मृगतृष्णा से भ्रमित हो जाता है, ठीक वैसे ही मै तुम्हे देख कर हो जाता हूं...
-
उसकी याद में सुकून से, सोने से ले करउसकी याद में तड़प कर उठने तक का सफर, इश्क़ है... -
उसकी याद में सुकून से, सोने से ले करउसकी याद में तड़प कर उठने तक का सफर, इश्क़ है...
उसके और मेरे बीच ये प्रेम प्रसंग कैसा, संघर्ष कैसा ?वो कोहरे में लिप्त पूस की रात जैसी, और,मैं खेत की पगडंडी पर जल रहा दिया जैसा... -
उसके और मेरे बीच ये प्रेम प्रसंग कैसा, संघर्ष कैसा ?वो कोहरे में लिप्त पूस की रात जैसी, और,मैं खेत की पगडंडी पर जल रहा दिया जैसा...