ख़्वाब अधूरे हो सारे जिस के वो इंसान सयाने लगते हैं,हँस लूं दो घड़ी तो सब दिल बहलाने के बहाने लगते हैं।खाली बैठे-बैठे कांपता हूँ और कांपते-कांपते रो देता हूँ,पोंछता हूँ आंसू खुद ही, ये हाथ अब तो बेगाने लगते हैं। -
ख़्वाब अधूरे हो सारे जिस के वो इंसान सयाने लगते हैं,हँस लूं दो घड़ी तो सब दिल बहलाने के बहाने लगते हैं।खाली बैठे-बैठे कांपता हूँ और कांपते-कांपते रो देता हूँ,पोंछता हूँ आंसू खुद ही, ये हाथ अब तो बेगाने लगते हैं।
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अब कोई भी बात तुझसे कह नहीं पाता,मेरी हर खुशी में एक मातम सा छाया है। -
अब कोई भी बात तुझसे कह नहीं पाता,मेरी हर खुशी में एक मातम सा छाया है।
बस ख़ता ये हुई कि एक पेड़ लगा दिया मैंने,फिर उम्र भर टूटे पत्ते समेटकर रोता रहा हूँ मैं। -
बस ख़ता ये हुई कि एक पेड़ लगा दिया मैंने,फिर उम्र भर टूटे पत्ते समेटकर रोता रहा हूँ मैं।
मिचती पलकों के पीछे एक आस बुझती नज़र आती है,आंखें खोलूं तो पंखे पर एक लाश लटकी नज़र आती है।समेट लिए खुद के ही भीतर आंधियाँ, तूफ़ान, बवंडर सारे,कफ़स हो गयी छाती मेरी देखो अब फटती नज़र आती है। -
मिचती पलकों के पीछे एक आस बुझती नज़र आती है,आंखें खोलूं तो पंखे पर एक लाश लटकी नज़र आती है।समेट लिए खुद के ही भीतर आंधियाँ, तूफ़ान, बवंडर सारे,कफ़स हो गयी छाती मेरी देखो अब फटती नज़र आती है।
"Dear You"(Read the letter in the CAPTION) -
"Dear You"(Read the letter in the CAPTION)
लोग फेंकते रहे पत्थर पानी मेंऔर मैं अक्स अपना देखता रहाउथल-पुथल हो गयी दुनिया मेरीउम्र भर ये सोचकर बिलखता रहा -
लोग फेंकते रहे पत्थर पानी मेंऔर मैं अक्स अपना देखता रहाउथल-पुथल हो गयी दुनिया मेरीउम्र भर ये सोचकर बिलखता रहा
Q. Why the JNU is protesting against the fee hike?(Read in the CAPTION) -
Q. Why the JNU is protesting against the fee hike?(Read in the CAPTION)
"सब चंगा सी!"(कहानी अनुशीर्षक में पढ़ें) -
"सब चंगा सी!"(कहानी अनुशीर्षक में पढ़ें)