Devendra   (देवेन्द्र सिंह)
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अपने दिल का कहने वाला
Joined 26 July 2020


अपने दिल का कहने वाला
Joined 26 July 2020
17 APR 2022 AT 20:29

तेरे दिए इत्र की खुशबू तेरे होने का एहसास कराती है,
हाँ ये इश्क़ है जनाब कोई पागलपन नहीं
हाँ ये इश्क़ है जनाब कोई पागलपन नहीं, क्योंकि हमें तो तेरा होना ही सदियों से भाता है😊

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1 SEP 2021 AT 17:52

किन अल्फाजों में लिखूं एहसान तेरा
कैसे डुबाया है तूने अरमान मेरा
ये चंद लाइनें तो जाहिर कर ही नहीं सकती,
कैसे सजाया था मैंने ख्वाबों के चाँद तारे सदा।

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12 AUG 2021 AT 21:45

नहीं मिल सका मेरे प्यार को तबज्जो कही भी, मिली थी एक परी जो माँ बाप को मंजूर न थी। लौटा फिर मैं जब उसकी तरफ वैसा प्यार फिर पा न सका,
लेकिन क्या करे ये माशूम सा दिल जो आज भी चांद को भुला न सका

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12 AUG 2021 AT 20:07

क्यूँ कहते हो हाँ,जब समय नहीं मिल पाता है।
इस दिल को हमेशा तुम्हारे फोन का इंतजार रहता है, इतना तुमको क्यूँ समझ नहीं आता है।
दे दी होती मोहलत मुझे चंद शब्द बात करने की,तब मुझे भी लगता कि मोहब्बत क्या चीज़ है जो ऐसा रंग लगाता है।
क्यूँ कहते हो हाँ, जब समय नहीं मिल पाता है

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7 AUG 2021 AT 20:53

क्या लिखूं अपने टूटे दिल पर क्योंकि किसी बात को बार बार कहने पर उसकी अहमियत कम हो जाती है

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5 AUG 2021 AT 21:33

कोई मिला तो था अपनी दास्तान सुनाने को लेकिन उस रब को ये मंजूर न था😭😭

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4 AUG 2021 AT 6:22

प्यार भी एक क्रिकेट मैच की तरह है,खेलो तो विकेट जरूर गिरेगा और न खेलो तो लूज़र कहलाओगे। भाग्यशाली वही हैं जो नॉट आउट होकर पूरी पारी खेल लेते हैं।

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3 AUG 2021 AT 19:50

1K Like aur support ke liye ap sabhi ka dil se dhanyawad
Very very thanks to all of you

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1 AUG 2021 AT 10:16

flowers because they have filled my life with their fragrances.

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1 AUG 2021 AT 10:04

उड़ती हैं रंग बिरंगी तितलियां इस गगन में,
बैठती हैं फूलों पे और जाती हैं भवन में।
लेती हैं सदा मधुर रस ये फूलों की,
इनको देख मन करता है इनका जीवन जीलूँ जी।
बड़ा ही खुशनुमा बनाती हैं ये घर के माहौल को,
बच्चे दौड़ते हैं पीछे पीछे इनको पकड़ने को।
प्रकृति को सुंदर बनाने में इनका भी हाथ है,
पीछे कहाँ हैं फूल इनसे जो भी प्रकृति के साथ हैं।
फूलों की मधुर सुगंध इनको खींच ले जाती है,
इसीलिए तो तितलियां भवन में भी आ जाती हैं।

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