आज याद आया बहुत सालो के बाद,
की कितने लोगो का छूट गया साथ,
बनाने निकले थे हम यादें,
अब बस पुराने दिन ही कर सकते हैं याद;
युं तो मंजिल अभी भी पास नहीं,
पर एहसास ये होता है,
बस चलते ही जाना है,
सफर खतम कहाँ होता है;
कुछ पुराने किस्से सुनाते हैं कभी,
थोड़ा हंसते है थोड़ा गा लेते हैं कभी,
कितने आगे आ गए हम,
की मायूसियत पे भी मुस्कुरा लेते है कभी।
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