ज़िन्दगी में एक कङी दूसरे से कुछ ऐसे जुड़ी है कि हम सोचते रहते हैं कि ऐसा ना होता तो कैसा होता... और ऐसे अनसुलझे सवालों के साथ ज़िन्दगी गुज़र जाती है...
जब कोई आपकी उम्मीदों पर खरा ना उतरे, तो किसी और की वो अधूरी उम्मीद पूरी करें; जिसको अनजाने में आप पहले पूरा ना कर पाये, आपकी नाराज़गी तसल्ली मे जो ना बदले तो कहना ...