हमारी तो शुरुआत ही नहीं होती इसके बिना ....., और आप हमसे छोड़ ने की बात करते है ... हम तो चाय के दीवाने हैं जनाब..... हमारी तो मोहब्बत भी इससे और चाहत भी इससे है......
पहाड़ की चोटी पर उतरने से...., पहाड़ पर चढ़ने का तजुर्बा नहीं भूलता..... जिंदगी पहाड़ की चढ़ानो पर मिलती है चोटी पर नहीं.... क्योंकि जिन्दगी के तजुर्बे चढानो पर ही होते है जो चोटी पर पहुंचने के लिए अग्रसर करते है .......
अंधेरों में ही रहने के फैसले किए....,,., तो रोशनी में आके ये मन कहां लगे.... है इतनी बार टूटा यकीन अपनों से ...,,,.,,. तो ऐतबार किसपे नजर ये फिर करे...