हर मुमकिन बात को कहना, और कहते कहते रुक जाना, जहाँ लगे कि शब्द निष्फल है,
तन्हाई, बीमार हालत की शिकायत भी करना, और कहते कहते रुक जाना, कि मुझे आज भूख लगी है ,पर मुझे खाना नहीं है,
आज मन तो है बहोत मिलने का पर रहने दो, ये घड़ी ठीक नहीं है, कह देना की आज तबीयत ठीक नहीं, बस मौसम ने नहीं सुनी, ये वही जिसकी मैं सुनता आया हूँ, पर ये अजीब है, झूठ है, और आप सच का मुकाबला किस योनी से जन्म लेकर करेंगे इसकी खबर नहीं हैं
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