Deepak Bhardwaj   (...)
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Writer.✍️✍️
Joined 12 November 2018


Writer.✍️✍️
Joined 12 November 2018
24 JUN 2022 AT 4:14

सच कह रहा हु मैने आसानी से लोग बदलते देखे है,
जिन्हें शायद अब मेरे अंदर सिर्फ बुराइयाँ दिखती है,
जिनके सामने बेमोल मेरी अच्छाईया बिकती है,
और निभाने का जिम्मा उनका नहीं सिर्फ मेरा है,
और कहते थे सब कुछ तुझे दे सकता हु उन्होंने कहा ये मेरा और ये तेरा है,
हा जिंदगी मे बदलाव होते है पर वो सब कुछ बदल दे संभव नहीं,
हम किसी को गलत नहीं बताये और अंजान व्यक्ति बुरा समझे संभव नहीं,
पर चलो उनसे भी हमे कुछ सीखने को मिला,
की जीवन मे सिर्फ हम जरूरी है बाकी कुछ नहीं,
बड़ा अजीब लगता है आजकल बोलने मे हिचकिचाते है,
हम आगे से बोले फिर भी बातो को घुमाते है,
पर सही है हमने समय से पहले लोग संभलते देखे है,
और सच कह रहा हु मैने आसानी से लोग बदलते देखे है...।।

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15 MAY 2022 AT 1:07

हमे लगता है जो दिखाते हो वो सब सच नही है
तुम कहती हो सब सच है यदि है तो खाओ कसम,
हमे लगता है तुम बहुत प्यार करती हो
तुम कहती हो ऐसा कुछ नही है तो खाओ कसम,
यदि कुछ नही है ऐसा तो क्यों सुनती हो तुम इतना
जो मैं गुस्से मैं कह जाता हूं,
तुम कहती हो ये सब एकतरफा दोस्ती है यदि है तो खाओ कसम...।।

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13 MAY 2022 AT 0:34

कई अभी भी हमसे कहते है तुम वो ही पुराने हो,
हमसे सिर्फ कहते हो बाकी उसी के दीवाने हो,
अजी जिसकी आप कह रहे हो उसे याद करे कैसे संभव है,
वजह जान कर भी ये सब कहते हो या तो तुम बच रहे हो या ज्यादा सयाने हो...।।

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4 MAY 2022 AT 15:23

हमे लगता है वो बडी सयानी है,
कुछ अलग ही उसकी रवानी है,
किसी से झगड़ा और बाते हमसे कम करे,
ऐसी ही हमारी कुछ कहानी है ।।

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6 APR 2022 AT 2:38

कान्हा कहवे मिली न राधा दुखी बहुत है मन मेरा,
जबां साथ ना हाथ कांपते साथ नही है तन मेरा,
अरे कन्हैया समझ ना आती तेरी भी क्या करनी है,
तू ही क्या राधा भी कहती बस कृष्ण कन्हैया धन मेरा।।

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6 APR 2022 AT 2:32

कृष्ण कन्हैया रहे अकेला या फिर उसकी राधा हो,
मिले जो राधा रहो चैन से फिर कितनी चाहे बाधा हो,
करी जो कोशिश मिली न राधा फिर काहे का चिंतन रे,
तीर जगह पर तभी है लगता जब सही निशाना साधा हो ।।

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21 MAR 2022 AT 4:44

हर पल शरण तुम्हारी आऊँ,
दुनिया तो सब मोह माया है और कही मैं कैसे जाऊ,
वो गलिया,सड़के,भजन दीदी के लगता सब तेरे ही है,
जल्द बुलाले कृष्ण कन्हाई द्वार तेरे मैं आना चाहूं...।।

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14 FEB 2022 AT 18:27

मनाये तो उसे जिसे मानने की इच्छा हो,
फिर उसे मनालो चाहे जीवन की परीक्षा हो,
झुकने की बात आये झुक जाओ नियंत्रण से,।लेकिन झुकना वहीं जहा प्रेम की सुरक्षा हो..
मनाये उसे जिसे मानने की इच्छा हो...

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13 FEB 2022 AT 3:24

वो रोजाना बाते करते थे अब वो पहर गया,
आंखे खुलती थी उसकी याद मे अब नजाने कहा वो सहर गया,
और मैं उसे सफल होते हुए देखना चाहता था,
उसे लगा बस ये ही रुकावट है इसलिए ठहर गया...।।

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12 FEB 2022 AT 15:56

तुम्हारा रूठ जाना भी इस कद्र सताता है,
तुम्हें भूलूं होता नहीं हर लम्हा तुम्हारी याद दिलाता है,
और तुम रूठ कर बात तो किया करो,
क्योंकि तुमसे बात किए बिना तुम्हें कैसे मनाऊं इस सोच में दिन जाता है...।।

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