Deepa Jha   (Deepa.(Smriti))
552 Followers · 8 Following

read more
Joined 12 September 2018


read more
Joined 12 September 2018
29 MAR AT 9:29

तुम जो पीठ पीछे मुझे बहुत कुछ कहते हो,
दिल से बताओ, तुम अब भी खुद को मेरा दोस्त कहते हो?

-


28 JAN AT 0:41

दुखों से फट जाए दिल ऐसे हालात में रहते हैं।
तुम्हे क्या पता मेरे दोस्त हम किस हाल में रहते है।।

यहां वहां हर जगह अपने ही अपने है,
इंसा होते हुए भी रिश्तों के जाल में रहते है।।

भरी है महफ़िल मेरी अपने ही लोगों से,
ये मेरे अपने है, हम इसी ख्याल में रहते है।।

उस एक साल ने बदल दिए मेरे हर एक रिश्ते,
बड़े नासमझ है अभी तक उसी साल में रहते है।।

अब तक किसी एक ने भला किया नहीं मेरा,
और ऐसे लोगों के लिए हम मलाल में रहते है।।

-


25 JAN AT 15:52

सबसे बिछड़ रहे हैं, सबसे दूर जा रहे है हम।
और फिर भी हर हाल में मुस्कुरा रहे है हम।।

मुझे झुठलाता है ज़माना ये जान कर भी,
ज़माने को हर रोज़, हकीकत बता रहे है हम।।

इससे बढ़कर किसी की क्या मजबूरी होगी,
मरना चाहते है और, जिए जा रहे है हम।।

है मोहब्बत के शौकिन मोहब्बत कर ले मगर,
मोहब्बतों से ही अब तक, चोट खा रहे है हम।।

ज़माने भर में खुशी के मशवरे बांटते है लेकिन,
अपने ही गमों को नहीं, भूल पा रहे है हम।।

-


31 DEC 2023 AT 22:18

मेरे सामने मेरे, पीछे बेज़ार नहीं रहना,
गर ऐसे अपने हो, तो अपने इस साल नहीं रहना।।

-


1 DEC 2023 AT 17:24

अपनी आंखो के सामने कई रिश्ते उजड़ते देखे हैं,
मैंने अपनो को भी, खुद से मतलब के लिए जुड़ते देखे हैं।

-


30 NOV 2023 AT 1:07

वो एक दिन जिसे पूरे साल भूलने की कोशिश करती हूं,,
वो एक दिन जो एक दिन में सालों याद दिलाता है।।

-


26 JUL 2023 AT 22:49

जिसे महज़ याद करने से मौत से मोहब्बत हो जाए।
एक ऐसी ज़िंदगी गुज़ार कर बैठे है हम।।

-


24 JUL 2023 AT 16:02

हर एक मुस्कुराहट खुशी नहीं होती।
हर एक शख्स आंसुओं से नही रोता।।

-


3 JUL 2023 AT 20:26

अब हकीकतों से कतरा रही हूं मैं।
अपनी उम्मीदों से ही मार खा रही हूं मैं।।

किस किस को बताऊं सही और गलत का सबब।
हर सच्ची बातों को भी झूठ बता रही हूं मैं।।

कौन अपना कौन पराया समझ से बाहर है।
हर किसी को पराया किए जा रही हूं मैं।।

ना जीने की उम्मीद ना इच्छाएं रही है।
मरने की उम्मीद में बस जीए जा रही हूं मैं।।

-


21 FEB 2023 AT 0:02

किसी का दिया दर्द तक ना ठुकराऊ मैं,
मुझे इस क़दर ठुकराया है ज़िंदगी ने।।

-


Fetching Deepa Jha Quotes