एक उम्र में आकर समझ आया...क्यों लोग अकेले रहना पसंद करते है...🖤💔🥀— % & -
एक उम्र में आकर समझ आया...क्यों लोग अकेले रहना पसंद करते है...🖤💔🥀— % &
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और तो क्या था बेचने के लिएअपनी आँखों के ख़्वाब बेचे हैं-🖤💔🥀— % & -
और तो क्या था बेचने के लिएअपनी आँखों के ख़्वाब बेचे हैं-🖤💔🥀— % &
पैग़ाम ज़िंदगी ने दिया मौत का मुझे, मरने के इंतिज़ार में जीना पड़ा मुझे !__🖤💔🥀— % & -
पैग़ाम ज़िंदगी ने दिया मौत का मुझे, मरने के इंतिज़ार में जीना पड़ा मुझे !__🖤💔🥀— % &
हम भी गाँव में शाम को बैठा करते थेहमको भी हालात ने बाहर भेजा है- 🖤💔🥀— % & -
हम भी गाँव में शाम को बैठा करते थेहमको भी हालात ने बाहर भेजा है- 🖤💔🥀— % &
अब मिरी तन्हाई भी मुझ से बग़ावत कर गई ___कल यहाँ जो कुछ हुआ था सब फ़साना हो गया- 💔🖤🥀— % & -
अब मिरी तन्हाई भी मुझ से बग़ावत कर गई ___कल यहाँ जो कुछ हुआ था सब फ़साना हो गया- 💔🖤🥀— % &
कुछ न रह सका जहां वीरानियाँ तो रह गईतुम चले गये तो क्या कहानियाँ तो रह गई- 💔🖤🥀— % & -
कुछ न रह सका जहां वीरानियाँ तो रह गईतुम चले गये तो क्या कहानियाँ तो रह गई- 💔🖤🥀— % &
बस आप भरोसा टूटने मत देना, ___बाकी हर बात हस कर सह लेंगे हम ___💔🖤🥀 — % & -
बस आप भरोसा टूटने मत देना, ___बाकी हर बात हस कर सह लेंगे हम ___💔🖤🥀 — % &
आह जो दिल से निकाली जाएगी __क्या समझते हो कि ख़ाली जाएगी- 💔🖤🥀— % & -
आह जो दिल से निकाली जाएगी __क्या समझते हो कि ख़ाली जाएगी- 💔🖤🥀— % &
हर कोई पूरा हो जाए, __अगर खुद और ख़ुदा एक हो जाए|___,💔🖤🥀— % & -
हर कोई पूरा हो जाए, __अगर खुद और ख़ुदा एक हो जाए|___,💔🖤🥀— % &
शायद वो दिन पहला दिन था पलकें बोझल होने का __मुझ को देखते ही जब उस की अंगड़ाई शर्माई है - 💔🖤🥀 -
शायद वो दिन पहला दिन था पलकें बोझल होने का __मुझ को देखते ही जब उस की अंगड़ाई शर्माई है - 💔🖤🥀