किसी को रंगना ही है तो मन के अच्छे विचारों से उसे रंग दो... और उसके अच्छे विचारों से स्वयं को रंग लो, क्योंकि कृत्रिम होली केवल आपका रूप बदल सकती है... मन नहीं...
महान संत, अद्भुत समाज-सुधारक, अनुपमेय रचनाकार संत शिरोमणि गुरु रविदास जी को उनकी जयंती पर कोटिशः नमन।
‘मन चंगा तो कठौती में गंगा' जैसे निर्मल दर्शन के माध्यम से समाज को आडंबरमुक्त एवं समरस बनाने की प्रेरणा देने वाले गुरु रविदास जी के विचार हम सभी के लिए प्रेणादायक हैं।