क्या लिखू तुझपे, तू तो बस एक राज़ है, जिसे सब से छुपा कर सुनता हूं,
तू वह एहसास है जो चुपके से मिलता है सपनों में मेरे, निशा से उठकर ढूंढता हूं निशान तेरे, भूल जाता हूं यह कहानी अधूरी ही रहेगी... पर मेरे दिल को बातें करना अच्छा लगता है, शायद इसलिए मेरी हर लिखावट में तु रहेगी।
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