BUDH PRAKASH  
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Joined 14 April 2021


Joined 14 April 2021
15 SEP 2022 AT 22:35

क्या आसान था, कि तेरा मेरे से बिछड़ जाना या तेरा किसी और का हो जाना ।
क्या आसान था ये सच मान लेना, की तेरा मेरा कोई रब्ताओ का न होना या तेरा मुझे याद भी न आना ।

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30 AUG 2022 AT 15:12

आना किसी शाम फुरसत से मेरे पास
तब बताऊंगा कैसे हम विरहा की अग्नि में कैसे जले
हर रात तेरी यादें और यादों में तेरा एहसास
बस यही है मेरी कहानी, इस कहानी का अंत हम कैसे बदले

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26 DEC 2021 AT 9:09

उनकी हर बात याद है मुझे,
कहा था हर वक्त खुश रखेंगे तूझे,
कहा था हर वक्त चाहेंगे तुझे,
कहा था हर दर्द मे खुश रखेंगे तुझे,
उनकी हर बात याद है आज भी मुझे।।

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18 DEC 2021 AT 8:30

कल धूप से परेशान ,आज तकलीफ़ बारिश से !
शिकायत बेशुमार है , इंसान की आदत में !

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15 DEC 2021 AT 23:22

मिट जाती है सारी उदासी तेरी हसी देखकर
थम सी जाती सारा जहां ये मुस्कराहट देखकर

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13 DEC 2021 AT 16:50

तेरे जाने के बाद,
हम अक्सर तेरी ही गलियों से गुज़रा करते हैं
सायद इस बार जान बन कर न सही अनजान बन कर ही
एक बार फिर से मुलाकात तो हो

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