क्या आसान था, कि तेरा मेरे से बिछड़ जाना या तेरा किसी और का हो जाना । क्या आसान था ये सच मान लेना, की तेरा मेरा कोई रब्ताओ का न होना या तेरा मुझे याद भी न आना ।
आना किसी शाम फुरसत से मेरे पास तब बताऊंगा कैसे हम विरहा की अग्नि में कैसे जले हर रात तेरी यादें और यादों में तेरा एहसास बस यही है मेरी कहानी, इस कहानी का अंत हम कैसे बदले
उनकी हर बात याद है मुझे, कहा था हर वक्त खुश रखेंगे तूझे, कहा था हर वक्त चाहेंगे तुझे, कहा था हर दर्द मे खुश रखेंगे तुझे, उनकी हर बात याद है आज भी मुझे।।