किस्सा हूं, कहानी हूं,
शायद अपनो के लिए ही बेगानी हूं,
लोगों के जज्ज़बातो की मैं रखवाली हूं,
अपनो के हिस्से से ही मैं बेगानी हूं,
लोगों के आशा और इच्छा की मैं कुंजी हूं,
मैं अपने ही संघर्ष की खुद एक कहानी हूं,
अपने ही स्वाभिमान के मैं एक सौदागरनी हूं,
सबकी जिंदगी का एक छोटा सा सार हूं,
अपने लिए अपनी ही ज़िंदगी का मैं एक छोटा सा हिस्सा हूं
लोगों के ख्वाहिशों की चाभी हूं,
वक्त के हाथों का पहिया हूं,
लोगों के द्वारा दिया गया एक धक्का हूं,
बस इसीलिए शायद मैं अपनो के लिए बेगानी हूं|
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