Braj B Kr   (Tuttu Raj)
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🎂22july
Joined 2 February 2020


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Joined 2 February 2020
10 JAN AT 9:50

प्यार तेरे हिस्से
तो दर्द
मेरे हिस्से !!

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10 JAN AT 9:30

क्या करूँ मै;
एक तो अपने दिल मे जगह दे पाती नही हो !
दूसरी, मेरी नज़रो के सामने से दूर जाती नहीं हो !!

उम्मीद लगाए बैठा हुं,
तेरी तरस खाने को मुहब्बत में ...

जो की मानता हुँ , ग़लत है ।

पर मात यहाँ भी खा जाता हुं,
तुम हो की नजदीक आती नही हो !!

प्यार शायद था हीं नही मुझसे,

पर सवाल ये है की
इसे भी तुम हक से बतलाती क्यूं नही हो !!

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10 JAN AT 9:09

ये सुर्ख लाल चेहरे ऐसे हीं नहीं हुए है !
शर्मोहया ने अपना चोला हटाया जब मेरे पिया जी आएं है !!

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10 JAN AT 8:59

सादगी यूं हीं नहीं शर्मा जाए तुम्हें देख कर,
तेरी दीदार के बाद जन्नत भी फीकी लगी है !!

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8 JAN AT 0:16

मेरी निगाहों ने...
किसी और की मुहब्बत को देखी,
और जा छुटा मेरी मुहब्बत की हाथ मेरे हाथों से !

क्या हीं बतलाए मन की बेचैनियां ;
अब तड़पना मेरे दिल को पर रहा है
वहीं खड़ा है बेचारा मेरा ज़ुबा भी खामोसे !!

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8 JAN AT 0:07

चलो, कम से कम पुरुष
काम से लौटकर घर तो आतें है
पर स्त्रिओं को हमने देखा है ;
काम से लौटकर काम को हीं आते हुए !

फिर भी सहनशीलता और ममता दोनो की मूरत है !
मानो या न मानो उनकी
आदत से कहीं ज्यादा ये हमारी जरूरत है !

बेशक, ढूंढ़ना चाहते हो गर कहीं
कमियां उनमे, जनाब शौक़ से ढूंढों ...
क्यूंकि शुरु में जो
मुँह की खाए हो , फिर मुँह की खाओगे

जो दृढ़ संकल्प के साथ धरा पर आई है
उसे तुच्छ मानव तुम क्या आजमाओगे !

हाँ मै मानता हु हमेसा जरूरत परने पर
तुम हीं हो जो चट्टान की तरह अडिग हो जाते हो !

पर एक ये भी तो सच है
और इस सच को जनाब झुटलाओगे कैसे
अजी हमने देखा है ये बल भी उन्ही से पाते हुए !!

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3 JAN AT 6:38

★कुछ समय मे , या यूं कहे की कुछ पहर मे
ये वक्त के साथ साथ ये दिन , और ये साल बित जाएगा ।
पर इस बिता साल और बिता हुआ कल को
चाह कर के भी भला कौन भूल पायेगा ...

★बिता हुआ कल कितने अपनों को पराया
तो कितनो ऐसे पराये है जिसे अपना बनाया है ।
कई नासूर ज़ख्म बन गहरा हुआ तो कई ऐसे भी है
जिसने मरहम बन उस ज़ख्म को शांत भी किया है ।

★बेशक आप इस बर्ष को बदलते हुए देख रहे हो
पर उसका क्या, जिसको मैने पूरे बर्ष बदलते देखा है ?

★खुशियां और खामोशियाँ दोनो
ताराज़ू के एक हीं पलड़े पर रखा है
जिसे तौलने का अधिकार बेशक हमें दे दिया
पर भला तौलूँ तो तौलूं कैसे
किस्मत ने दूसरे पलड़े पर मुझे हीं जो रख दिया है ।

★खैर कुछ अपनों का तो कुछ किस्मत का करम है
जिसे मैने सहनशीलता के साथ पार किया है ।
फिर क्या ...
★मुझे लगा मेरे इतने चाहने बाले को
साल के आखिरी दिनों के समय एक धन्यबाद तो बनता है
तो आप को दिल से धन्यबाद ...!

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3 JAN AT 6:26

आप मुझे चाय पर बुलाएंगे
मोहतरमा हम दौड़े चले आयेंगे !

और उस पल की मिली एक कप चाय मे
सारी खुशियों का आनंद लेते चले जाएंगे !

उधार रहेगा, ये उपकार मुझ पर आपका ;
बोलो तो ये उधार चुकाने कल फिर हम चले आएंगे !!

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28 SEP 2023 AT 0:32

आज फिर बहुत दिनों बाद अपनी
मुहब्बत की दास्तां लिखने बैठा था

थोड़ी देर बाद समझ आया
न लिखता वही सही था !

कहाँ उम्मीद थी
छुपे प्यार उभर कर आने की,

और इस वक्त में कमबख्त मुहब्बत
की एहसास तक की कमी था !!

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9 AUG 2023 AT 2:22

काश,
मुझे भी अल्फाज़ों को तोलना आता...

दिलों से गुजारिश तब हम भी करते,
फिर कहीं जाकर मैं भी किसी की नयनन को भाता !!

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