हमेशा नहीं बस कभी-कभी तुम्हारी याद आती है, लेकिन, मना भी तुमने ही किया था। बस हर खुशी में तुम्हारी कमी लगती है, तुम्हारे गम भी तो मैं ले नहीं पाता। बस सूरज के साथ और चांद के बाद तक तुम्हारी याद आती है हर रोज ओस की बूंद की जैसीआंख में ठहरती हो । सच में तुम्हारी बहुत याद आती है।