Bhuneshwari Karskar   (©Dhanu🖤)
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Joined 13 July 2019


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12 MAR 2022 AT 16:17

मुझे भी एक पल मेरे लिये जिना है..
हवा के साथ बहना हैं..
मुझे भी एक शाम सुकून से बैठना है..
मुझे भी अधुरे सपनो को फिरसे जगाना हैं...
हवा के साथ बहना है..
मुझे भी एक पल मेरे लिये जिना है..

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12 MAR 2022 AT 13:47

जिंदगी की जिम्मेदारीयो से डर लगता है..
सबका ख्याल रखते रखते,
शायद कही खुदको भुला ना दू..
कही अपनी जिंदगी को मे सच में भूला न दू..!
डर लगता हैं जिंदगी की हर नई पहेलियो से..
सब पहेलियो को सुलझाते सुलझाते,
शायद कही खुदकी पेहचान ना भुला दु..
कही जिंदगी को मे सच में एक पहेली ना बना दू..!
बची हुई जिंदगी को जिने से डर लगता हैं..
सबके लिये जिते जिते,
शायद कही खुदके लिये जिना ना भुला दू..
कही अपनी खुशियो को मे,
सच में जिम्मेदारीयो के पीछे दबा ना दु..!

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2 MAR 2022 AT 9:04

शब्दांच्या मोहक प्रवासात..
बेधुंद विचारांना वाट मिळाली..
विचारांना वाटचाल मिळता,
माझी ओवी कवितेत बहरली..!
शब्दांच्या मोहक प्रवासात..
नव्याने जगण्याची ओढ लागली..
नव्याने जगताना स्वतःशीच,
पुन्हा एकदा नव्याने ओळख झाली..!
शब्दांच्या मोहक प्रवासात..
मनातील कोडी हळूच सुटू लागली..
कोडी सुटता,
शब्दाची मोहक अजूनच वाढली..!

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25 FEB 2022 AT 16:49

मेरी जिंदगी बडी अजीब सी पहेली हैं..
किसी दिन उसिने किताबो मे लिखना सिखाया हैं..
ओर आज उसी जिंदगी ने ऐसा मोड लिया..
के हम ही केहेते है, के हम भी कभी लिखा करते थे..!

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25 FEB 2022 AT 16:35

उसकी मासुमियत ही उसकी एक खासियत हैं जो मुझे उसके आगे झुकाती हैं,
और उसकी एक खासियत को देख हम सारे जहाँ को भुलाते हैं..!!

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1 FEB 2022 AT 18:47

बेरंग सी थी जिंदगी तेरे आने से पेहले..
ओरअब बेरंग सी लगती हैं जिंदगी,
एक तेरे नाराज होने से..!

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31 JAN 2022 AT 22:39

हरवलेल्या मना

हरवलेल्या मना वळूनी बघ जरा..
वळता मागे तुझ तू जाणून घे जरा..
गोंधळलेल्या वाटेला सोड जरा..
चालत आलेल्या प्रवासाला,
एकदा तरी समाधानान बघ जरा..
हरवलेल्या मना वळुनी तु बघ जरा..!!

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29 JAN 2022 AT 21:38

कितने खामोश थे हम..
जब दिलं मे हजारों सवाल थें,
लाखों उलझने थी..
हालात कूछ और दिल कूछ केह रहा था..
तब भी हम खामोश थे..
केहना बोहोत कूछ था,
फिर भी जुबा से एक शब्द ना निकला..
न जाने वो दिन कैसा था..
किसिका एक शब्द भी सूना नही करते थे,
आज सब कूछ सेहसुनकर अक्सर खामोश रेहते हैं..

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22 JAN 2022 AT 2:57

आयुष्याच्या शर्यतीत जिंकण्याचा आट्टहास नाही,
हरण्याची भीती नाही..
तरी कळेना,आयुष्याच्या शर्यतीत
धावणार मन कधी थांबतच नाही..!

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28 OCT 2021 AT 23:46

हर लड़की कहती है..!और क्यों..?

खुद हि उलज़् गए हैं खुद कि हि जिन्दगी में..
सुनो सबकी करो मन कि ये सलाह सब देते हैं..
लेकीन अकसर मे परेशान रहती हू
#"ये मत करो- वो मत करो..
कोई कुछ कहे तो चुप चाप सुन लो"* इस् so called फोर्मुला से..
😅 चलो कोइ बात नही..👻ये तो हम लड़कियों को मिला वरदान ही हैं जैसे..!
लेकिन फिर भी दिल पूछ्ता है..
"ऐसा क्यो यार..?"
और एक हि जवाब ..पता नहीं..!
शायद इसलिए भी लडकियां ज्यादा टर सवालो के जवाब यही देती है.."पता नही" 😂है ना..!
लेकिन ,सच में "थक गई हूँ यार,जिन्दगी कि हर नई पहेलीयो को सुलझाते सुलझाते.."
सपना है ,के "कुछ देर खुद कि उड़ान से जिउ..,
और मर्यादो मे ही रहकर आजादी से जीउ..!"
लेकिन..,शायद ये हर लड़की का सपना ही रहता है..!
खैर..;
पता है..
जवाब किसी के पास नहीं हैं..
और जवाब तो शायद कभी मिलेगा भी नही.. ~:

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