चुनने को था; प्रेम, मैंने चुनी प्रकृति। -
चुनने को था; प्रेम, मैंने चुनी प्रकृति।
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कुछ लोग परिस्थितियां चुनते है,कुछ परिस्थितियां लोगों को चुनती हैं। -
कुछ लोग परिस्थितियां चुनते है,कुछ परिस्थितियां लोगों को चुनती हैं।
मुब़ारक हुए तुम को तुम्हारी नफ़ि के लोग,तुम को तुम्हारी नफ़ासत मुब़ारक। -
मुब़ारक हुए तुम को तुम्हारी नफ़ि के लोग,तुम को तुम्हारी नफ़ासत मुब़ारक।
अपने कार्य के प्रति इतने वफादार भी न होना कि फुटपाथ पर सोने वाले व्यक्ति को दूर कर दो उसके अस्थाई घर से भी.. -
अपने कार्य के प्रति इतने वफादार भी न होना कि फुटपाथ पर सोने वाले व्यक्ति को दूर कर दो उसके अस्थाई घर से भी..
सुनो!अबके मिलना मुझको तुमकभी ना बिछड़ने के लिये। -
सुनो!अबके मिलना मुझको तुमकभी ना बिछड़ने के लिये।
ये बस कहने की बाते है, बातों का क्या..बिन पत्ते;जीवित खड़े पेड़ की शाखों का क्या..जो कट गई फिर बिन सपना आंख लिए, ऐसी अर्थहीन रातों का क्या.. -
ये बस कहने की बाते है, बातों का क्या..बिन पत्ते;जीवित खड़े पेड़ की शाखों का क्या..जो कट गई फिर बिन सपना आंख लिए, ऐसी अर्थहीन रातों का क्या..
नदी का समंदर से मिलना अच्छा लगता है।मुझको मुझमें ढलना अच्छा लगता है। -
नदी का समंदर से मिलना अच्छा लगता है।मुझको मुझमें ढलना अच्छा लगता है।
मिश्री का पानी में घुलना अच्छा लगता है।मुझको तुझमें ढलना अच्छा लगता है।😍 -
मिश्री का पानी में घुलना अच्छा लगता है।मुझको तुझमें ढलना अच्छा लगता है।😍
चौदह बरस बाद, आए रे मेरे राम करूं ना मैं! काहे श्रृणगार -
चौदह बरस बाद, आए रे मेरे राम करूं ना मैं! काहे श्रृणगार