बदनाम शायर   (Rupesh)
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Joined 21 July 2017


Joined 21 July 2017
18 JUN 2021 AT 14:35

जमीर बेच के हम,
चले थे जीने..
बात सोची थी होगी दिनो की,
अब बीत रहे महीने |

प्रेम बेच के हम,
चले थे शौहरत पाने..
शौहरत छाये रात सी,
निग्ले प्रेम के उजाले |

खुशिया बेच के हम,
सुख पाने का भ्रम थे पाले,
सुख के भ्रम मे, भ्रमित हुये फिर इतने,
खुशियो का सत्य खोये हमने जीवन के जाले |




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30 DEC 2020 AT 21:20

नवीन वर्षातला जुना मी....अंधार
नवीन वर्षातली जुनी मी....किरण

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14 NOV 2020 AT 14:46

ABCD पेहली बार हमने साथ मे लिखा,
साथ मे रोना हसना सिखा,
बहुत किया लाडायी झगडा,
बहुत की मारपिटाइ,
पर फिर एक दुसरसे खाना भी बाटा,
टिचरो की मार पडनेसे जान भी बचाई,
शिक्षा का मंदिर घर बना हमारा,
बाल सखा हमारे बने सुख दुःख के साथी,
वो दिन भी कितने अच्छे ‌थे,
हम बच्चे कितने अच्छे थे!

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13 SEP 2020 AT 16:29

Waking is incomplete without taste of thee
So hot, so sweet so many similarities
You are like the morning tea

I love the sight of you,I love the smell of you just like...just like....the morning tea,
I wanna mix like a sugar in thee,
You are like the morning tea ❤️

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12 SEP 2020 AT 23:39

वो कोई औरररर..... है,
वक्त की क्या औकात,
उनके साथ बिताये पल हमारे धडकनो मे बसते है

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3 MAY 2020 AT 0:18

If the Life we live is not anything like what we dreamt of, then at least to live the life of our dream the nights should be longer than the days.So that we dream more and live more the life we want,even if it is only in our dreams.

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6 APR 2020 AT 8:15

मोहबत जो मैने तुमसे की,
वैसी फिर किसि से ना हुई,
खता क्या इतनी बडी हुई,
सजा दिये बिना ही, तुम चली गई,

प्यार ना राहा तो दिल मेरा तुटा,
दोस्ती भी तूने तोडी तो सासे भी दुष्वार हुई,
ये मेरे मेहबूब सिर्फ एक दफा लौट कर आना,
अबके आना तो ईन सासो का बोझ सारा हलका कर जाना...

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1 MAR 2019 AT 19:26

आँखों से अपनी मदहोश करके,
तुम कहते हो कि मै होश में रहूँ....

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29 JAN 2019 AT 19:43

जो भुल चुका था मोहब्बत को मैं,
तुझमें देख झलक खुदकी,
मैं तुझमें खुदसे मोहब्बत कर बैठा,
तलाशने निकला जो था सुख़न,
तुने साझा किया गम तेरा,
मैं तेरे गम की गहराई में खो बैठा,
हमसफ़र तो ना सही, हमदर्द की ख्वाहिश थी,
तूने भी कह दिया अलविदा, मैं आखरी उम्मीद भी अब खो बैठा।

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12 JAN 2019 AT 9:50

होटो से ये कैसा जाम पिलाया आपने,
और कोई नशा मुझको चढ़ता ही नहीं,
दीदार को आपके तरसे, ये दिल मेरा,
और किसीसे मुलाकात का फरक पड़ता ही नहीं

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