राहे तकते रहे हम,
इंतजार मे तुम्हारे।
झारोखियाँ भीग चुकी थी,
अहसास जब आँसुओ का हुआ।
तुमने कहा था मुझसे,
आऊँगा लौटके उस दिन
जिस दिन हम मिले थे
दरवाजे की दस्तक सुनने को आतुर थी
घर को सजाकर,
खुद को सँवार रही थी।
आए तुम पास मेरे,
वादा अपना निभाया,
यह तो नही कहा था
कि ज़िंदा ही आऊँगा।
प्यार तुमने भी किया,
प्यार मैंने भी किया।
मैने तुमपर जान कुर्बान किया,
तुमने वतन पर कुर्बान किया।
तुमने वतन पर कुर्बान किया।
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