तेरे आंसू देख कई रातें नहीं सोई है,
यूं ही माँ तेरे रोने पर नहीं रोई है।
तेरी गीली चादर पर अनगिनत बार वो सोई है,
यूं ही माँ तेरे बोलने पर नहीं रोई है।
तेरे सुनहरे ख्वाबों को सजाने में वो खोई है,
यूं ही तेरी माँ तेरे चलने पर नहीं रोई है।
मोतियों की तरह तेरी ज़िन्दगी उसने पिरोई है,
यूं ही तेरी माँ तेरी कामयाबी पे नहीं रोई है।
तेरे आंसू देख कई रातें नहीं सोई है,
यूं ही माँ तेरे रोने पर नहीं रोई है।
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