Aviral Mahi   (Aviral Mahi)
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Joined 13 June 2018


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Joined 13 June 2018
26 APR AT 15:42

मौत का डर एक सच है
सच है हर उस शख्स के लिए
जिसकी उम्मीदें अपने सपने बच्चे और मुस्काने सांसे ले रहे है
वो जिनको देना पड़ा कंधा अपनों को
डुबाया हो जिन्होंने उम्मीदों को सपनो को

वो मौत के इंतजार में आखिरी सांसे लेते बुत है
मौत के दरवाजे पर टकटकी लगाए
जमाने के आगे सर को झुकाए
बस जिंदा होने का किरदार निभा रहे है

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16 MAR AT 10:35

आसान और मुश्किल की परिभाषाएं फरेब से सनी हुई है
सबके सपनो होंसला उम्मीदों और डर से सने है आसान भी मुश्किल भी
हर इंसान ने अपने अपने मुश्किल और
अपने आपने आसान बनाए है
मेरे लिए आसान शायद रुक जाना है
शायद थक जाना भी
कभी कभी मुस्कुराना भी और
बहुत बार खुद से नाराज होना भी

मुश्किल है
मुश्किल है खुद से लड़ पाना
मुश्किल है मन से पार पाना
प्रेम और नफरत से शून्य होना भी मुश्किल है
जितना पाना मुश्किल है उससे कही अधिक खोना भी मुश्किल हैं

आसान है सपने बुन पाना
मुश्किल है उन सपनों को जी पाना
आसान है डर जाना बहुत आसान है मर जाना
मुश्किल है जीते रहना बहुत मुश्किल है भीतर से भी जिंदा रहना

मेरा मुश्किल हो सकता है आपके लिए आसान हो बहुत आसान
और शायद मुश्किल बहुत मुश्किल
पर आसान जिंदगी जीना जीते रहना होगा जिंदा होना नहीं

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14 FEB AT 22:19

साथ चलने और साथ निभाने का फर्क
हाथ मिलाने और हाथ पकड़ने का फर्क
शायद हम लोग नही जान पाए
हम लोग
हा आप और मैं
जिन्होंने हर इंसान को बस परखना चाहा
समझना नहीं
हम लोग जो अच्छे बेटे अच्छे पति अच्छे भाई तो है शायद
पर किसी और की नजरों में
खुद की नजरों में क्या है मालूम नही

समाज ने परिवार ने आपके कंधो पर हाथ नहीं रखा
रखा है तो बोझ
कभी सम्मान का कभी अभिमान का
कभी उम्मीदों का तो कभी परंपराओं का
बस वही उठाए
सर को झुकाए
सब धकेल रहे है अपने अपने समय के पहिए
मुझे डर है पहिया टूटने से पहले बहुत कुछ टूट जाएगा
बहुत कुछ छूट जाएगा

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22 AUG 2023 AT 21:36

जन्मदिन पर दी गई शुभकामनाओ के लिए आप सबका आभार, आप सबके सहयोग और योगेश्वर के आशीर्वाद से ही जीवन के इतने वसंत सकुशल जीना संभव हो सका। उनका भी धन्यवाद जो शुभकामनाएं देना चाहते थे लेकिन समय के अभाव, वैचारिक मतभेद या पूर्वाग्रहों की वजह से नही दे पाए । आभार 🙏🙏🎉🎊🙏

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22 MAY 2023 AT 20:09

लालच हवस और फरेब की रस्सियों ने
जिस्म के खूंटों पर रूहों को बांध रखा है
जिस्म सब के सब भूखे है
बस भूख अलग अलग है
रूहे आजादी की जंग हर रोज लड़ रही है
न जाने कब तक उन्हें जिस्मों के ये जुल्म सहने होंगे
पर यकीनन रूहे जब इनसे आजाद होंगी
लौटकर इन दरिंदे जिस्मों के पास कभी नही आयेंगी

उस दिन शायद हम समझ पाए
कि हम वो नही जो देखे या दिखाए जा रहे थे
हम वो थे जो जिस्मों की दीवारों में छिपाए जा रहे थे

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9 MAY 2023 AT 7:52

मैं वो हु मै वो हु तुम वो हो वो क्या है वो कौन है
ये सब कहने वाले जानते नही शायद

हम हमारे हिस्से की हकीकतों के हादसे से
कमाए निशान है बस
हम कल कुछ और थे आज कुछ और है कल क्या होंगे
इन संभावनाओं का अनुमान है बस

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21 MAR 2023 AT 23:06

जब आपका डर, जब आपका गुरुर
आपसे बड़ा होने लगे
जब कोई रोकना चाहे आपको
जब रास्तों में कोई खड़ा होने लगे

तब जरूरत होती है कि हर दर्द हर जख्म को याद किया जाए
जिल्लत का हर लम्हा, अकेलेपन का हर आंसू याद किया जाए
फिर पूरी ताकत से एक वार किया जाए
कई दिन कई महीने कई साल किया जाए

तब कहीं जा कर कुछ तारीखें लिख पाओगे
जैसे जी रहे हो वैसे ही जीते रहे तो मर जाओगे

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4 MAR 2023 AT 21:43

जवानी और जिस्म की मोहब्बत हमेशा नही रहेगी
एक रोज जब जवानी जिस्म से रुखसत लेने लगेगी
एक रोज जब गालों की चमक को झुर्रियां घेर लेंगी
जब माथे पर चांदी आ बैठेगी

तब
तब शायद रगो में बहते लहू में डूबे खानदान के गुरुर से
दौलत शोहरत या ताकत के नशे से दूर हो हम
और ये सोच पाए
कि वो रिश्ते जिनकी छांव में बचपन गुजारा हमने
वो रिश्ते जिनके साथ रोना और हंसना सीखा हमने
वो जिन्होंने हमारी ख़ामोशी के मायने समझे

वो अगर आज भी साथ होते तो कितना सुकून होता
सुकून जो रूह की जरूरत है
सुकून जिसके मायने हम तब समझेंगे जब इस से बिछड़ जायेंगे

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11 FEB 2023 AT 12:44

उम्र दिनों के हिसाब से बढ़ती नही आजकल
कभी किसी का कोई आंसू सालो बूढ़ा कर देता है
तो कभी मासूम मुस्काने महीनों जवान
ये बात और है कि न अब बुढ़ापे का डर रहा है
न जवान बने रहने का मोह

जिंदगी जीने का नाम है या जिंदा रहने का
शायद दोनो नही

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14 JAN 2023 AT 16:06

Why we are so delusional
Incapable of grasping a simple fact
Fact that He or She is not interested anymore
Why we are in aura of self personality falsehood
Asking same question everytime
How can She
Why did He
Please Let it Go
Please accept the pain of getting rejected
Fold it in blanket of Smiles and Get up
Please Move On Move on
Let it Go

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