Avinash Jha   (Living_Spirit)
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Instagram.com/avinash.jhq
Joined 16 November 2019


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3 FEB 2022 AT 22:48

ज़िंदगी के सफ़र में
कुछ अफ़साने अपने थे
कुछ अपनों के,
कुछ बोझ अपना था
कुछ अपना सा,
कुछ ख़्वाब हमने सजोए थे
कुछ ज़िंदगी ने दिखाए.
कभी भरे बसंत के हवा
तो निष्ठुर पूष की कहर,
फूलों के मेहक सी
कांटों की दर्द सी भी,
रंगों से सजी रंगोली
स्याह आसमां का दर्द भी,
कुछ यूँ ज़िंदगी का फ़लसफ़ा.— % &

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31 JAN 2022 AT 13:46

उसको तो इल्म भी न था
की अब मैं वहाँ ना था,
नज़रों से जहाँ उसने पाया था
बाहों में भर जहां अपना कहा था.
सकूं की तलाश में
दूर कहीं खड़ा था मैं,
एक अलग ही पता अब बना था
सायों के शेहर में जो था.— % &

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29 JAN 2022 AT 12:48

Heart Is The Greatest
Cheater In This World
Because....
It Makes Thousand Of
Different Excuses
To Stay In Touch
With The Person
You Love... ♥— % &

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28 JAN 2022 AT 17:35

कुछ अधूरे ख़्वाब है
कुछ अल्फ़ाज़ अधूरे,
नींदें जो पूरी होती नी
लब्ज़ जो मुक़म्मल होते नहीं,
अधूरे जो ये लम्हें हैं
ज़िंदगी का फ़लसफ़ा हैं.— % &

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15 OCT 2021 AT 4:55

शकून सा है तेरे हौले हौले सांसों में
मूंद नयनों को यूँही तू मुझमें सिमटे रहने दे.

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12 OCT 2021 AT 19:06


लम्हों को जी ले फ़िर से,
सफ़र जो रह गया था अधूरा
चलो आज उनको पूरा करते,
ढल रहा जो सूरज अकेला
उसको भी विदा कर आते हैं,
चाँद छुपा बैठा जो आसमां में
उसको संग ले फ़िर सफ़र करते,
दबी सी जो मुश्कान है
उनको फ़िर ढूंढ लाते हैं,
रेखाओं में खोए अधूरे ख़्वाब जो
उनको आज फ़िर से है सजाते,
क्यों ना आज फ़िर से...

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12 OCT 2021 AT 18:45


तू आज भी ढो रहा,
ऐ पथिक तू मुझको बता
क्या तू ने अब तलक़ है पाया.
ठहर जा तू ज़रा एक पल को
मंथन कर ज़रा तू ने खोया क्या
कंधों पर रखा ये अतीत का साया
पाओं में तेरी ज़र रखी बैरियाँ बनी.
ख़ुद को कर तू आज़ाद ज़रा
मुड़ कर एक दफ़ा देख तो ज़रा
अपने अश्कों में तू ख़ुद ही बह रहा
फ़िर क्यों ख़ुद को तू दे रहा ये सज़ा.

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24 SEP 2021 AT 19:43


जब इल्म था उनको
दवा भी वो, दर्द भी वो
बेफ़िक्री उनकी यही थी
छुहा उसने कुछ इस तरह
की अश्क़ भी फ़िर वहीं.

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5 AUG 2021 AT 19:23

A body left the world, and took someone's soul too...

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5 AUG 2021 AT 19:20

He asked the question to himself wiping his eyes out, looking at the picture which was smiling back to him.

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