Asmitay Singh   (Asmitay Rashi)
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अनकहे जज्बातों को पिरोने की चाहत....
Joined 31 December 2018


अनकहे जज्बातों को पिरोने की चाहत....
Joined 31 December 2018
17 APR AT 22:22

मन जब थकने लगे
एकांत में छिपने लगे
लगने लगे हरपल रुका
शब्दों से दर्द रिसने लगे
मृत्यु जब प्यारी लगे
जीना इक लाचारी लगे
रोने को दिल चाहे मगर
आँसू भी बेमानी लगे
अपने ही हाथ जब कभी
गरदन पर यूँ कसने लगे
कि खुद से खुद की जंग हो
और दैत्य वो हँसने लगे
अपने सभी झूठे लगे
वादे सभी टूटे लगे
सांत्वनाएँ छल का भाव दें
लगे कि सबकुछ त्याग दें

तुम चले आना तब
उस राह जो मन मोह ले
बुझते हुए चिराग़ को
जो फिर से रोशन करे।
मत सोचना दुनिया की
तब मन की तू अपने थाह ले।
फिर ले चले जीवन जिधर
तू उसकी बाहें थाम ले।
होगा नहीं कुछ भी सुगम
लेकिन तुम घबराना नहीं।
उड़ने लगेगा मन भी
फिर बस तुम भटक जाना नहीं ॥

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28 JUN 2023 AT 20:06

जब तक बेटी पिता के घर रहती है
तब तक उसकी जिन्दगी गुलजार रहती है..
जाना...

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10 APR 2023 AT 8:00

कभी कभी वो दिन बहुत सताते है
जो हमने एक साथ बिताए थे
सुबह के जगने से लेकर रात को सोने तक
बेमतलब के हंसने से लेकर वजह से रोने तक
हमेशा साथ रहे है हम
पर वक्त ने ऐसी बदली करवट की
हम साथ से अलग अलग हो गए
प्यार वही...फिक्र वही...पर साथ छूट गया
शायद हमारे प्यार की ग्रहदशा सही नही थी
वरना सिद्दत तो बहुत थी चाहत में हमारे
दूर होने की कोई वजह ही न रहती
पर कम्बक्त वक्त ने ऐसी बदली करवट की
हम साथ से अलग अलग हो गए
नहीं दे पाए इस रिश्ते को कोई नाम
तो माफ करना
जिंदगी में जहां भी जरूरत होगी वाह जान हाजिर रहेगी
मेरी मोहब्ब्त कल भी तुम थी...आज भी तुम हो...और आगे भी हमेशा तुम ही रहोगी
चाहे वक्त बदले करवट या बदल जाए ये ये सदी
मेरी मोहब्ब्त कल भी तुम थी...आज भी तुम हो...और आगे भी हमेशा तुम ही रहोगी..
जाना...

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9 APR 2023 AT 7:40

आओं सुनाऊ तुम्हे बीतें हुए पलो की
कुछ ख़ट्टी, कुछ मीठीं दास्ता,
कुछ मेरीं, कुछ आपक़ी बात करते हैं
चलों कुछ बीतें हुए लम्हें याद करते हैं,

ज़ब हम आये थे यहा तो ये एक़ गुमनाम पहेली थीं
आज यहां पर सब अपने से लगने लगे है,
कई बार देर से आने पर तरह-तरह के बहानें भी बनाएं
सिस्टम और चेयर के लिए आपस में कई बार लड़ें है,

आज वक्त को रोकने का जी चाह रहा है
न जाने क्यू छुट जाने से डर लग रहा है,
सूरज की पहली किरण से थी शुरुआत हमारी
अब तो यह भी नहीं पता आगे का समा पाएंगे या नहीं पाएंगे,

याद आएगा हमें ये पल
वो हर मुस्किलों में साथ देना,
मैम के लेक्चर को प्यार से समझाना
सीनीयर के आगे ड़ाट खाने से बचाना,
ये सब साथ तो रहेंगे पर याद तो जरूर आयेंगे
आओं सुनाऊ तुम्हे बीतें हुए पलो की,
कुछ ख़ट्टी, कुछ मीठीं दास्ता..
जाना...

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3 APR 2023 AT 6:03

तुमसे मिलना...तुम्हारे साथ बैठा...
तुमसे बाते करना...तुम्हारे ख्यालों में खोना
बड़ा अच्छा लगता है...
सुकून मिलता है..
जाना...

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27 MAR 2023 AT 12:24

मेरे हाथों में तेरे हाथ का निशान आज भी है,
हाथ जरूर छूट गया पर वो निशान साथ तो है,
वो हाथ में हाथ को पकड़ कर रखना,
अनकही बातों को आसानी से समझना,
मेरे जाने के बाद तेरा यू मुस्कुराना,
मेरे जहन में ये सारी बाते आज भी है,
मेरे हाथों में तेरे हाथ का निशान आज भी है..
जाना...

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21 JAN 2023 AT 16:26

मेरी मोहब्बत का मुकाम बनोगे क्या
अरे सुनते हो जाना
मुझे अपनी जान कहोगे क्या..
जाना...

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21 JAN 2023 AT 16:24

सहारे लाख मजबूत ही क्यों न हो
पर...!
भरोसा तो खुद पर होना चाहिए..
जाना...

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11 JAN 2023 AT 22:05

जिंदगी की इस भागदौड़ में
कुछ अपनों से फासले बढ़ते गए
आगे बढ़ने की आड़ में
पैसे कमाने की चाह में
कुछ अपनों से फासले बढ़ते गए
जाना...

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10 JAN 2023 AT 12:41

शादी...आखिर क्या होती है ये शादी
आखिर क्यों इस दो अक्षरों के एक शब्द से पूरी जिंदगी बदल जाती है
खुलकर हंसने से लेकर जी भर के बोलने तक पाबंदी लगाती है शादी
मैं जानती हूं मुकद्दर मे नहीं है खुशियां, अब फूलों को बालों मे सजाउगी तो कैसे
शायद अब पलकों को नम रहने की आदत सी हो गई है तो काजल को आँखों मे लगाउगी कैसे
आखिर क्यों इस दो अक्षरों के एक शब्द से पूरी जिंदगी बदल जाती है
कहने को तो लडका लड़की एक नया घर बसाते हैं
पर सच तो ये है कि लड़की के दावेदार बदल जाते हैं
वो दिन जब एक लड़की ,अपना कहा जाने वाला सब छोड़ कर आई
लेकिन दुनिया ने पूछा तो सिर्फ इतना कि
बहू दहेज में क्या लाई
आखिर क्या होती है ये शादी
आखिर क्यों इस दो अक्षरों के एक शब्द से पूरी जिंदगी बदल जाती है
जाना...

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