ASHKAR   (The_heartt_thoughts")
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Joined 17 September 2018


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Joined 17 September 2018
30 APR AT 22:13

Kaun jaane matalab iska ki tumhare aansu thame hain toh tum ro nahi rahe,
Tumhare dil me rahne wale se puchho wo gum samet samet kr thak gaya.

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17 APR AT 14:30

समय की माँग से अधिक जब भी बोला गया,
तब-तब उस समय द्वारा नुकसान उठा गया।
Ashkar

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19 JAN AT 19:32

सच के साथ चलने वाले का आत्मविश्वास डगमगा सकता है,
लेकिन झूठ के साथ चलने वाले के पास केवल आत्मग्लानि बचती है।
Ashkar

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13 JAN AT 15:11

Chhut jate hain kuchh log yunhi kahin,
Sine me dafan hain yaade or baten kai.
Mohabbat me mrne wale mehboob kai
Kuchh ho jate dafan sine me lekin baahon kai.

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20 OCT 2023 AT 10:43

दुआएँ, प्रार्थनाएँ, फंड, पोस्ट, लाइक, कॉमेंट, और कईयों के बीच दो देशों में सही कौन की लड़ाइयाँ सब देखने मिला लेकिन किसी ने ये नहीं देखा कि इंसानियत मर रही हैं।

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27 SEP 2023 AT 12:55

अगर कोई बड़ा और महान कार्य करना है तो चुप रहकर अपना कार्य करते रहना चाहिए, लोगों का क्या हैं वो तो बुरा बोलेंगे भी और सोचेंगे भी।

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25 SEP 2023 AT 9:41

समझ नहीं आता लोग जब किसी लड़की से बात करते हैं तो पहला सवाल उनका शादी से संबंधित होता है, मुझे लगता है जीवन में सबसे महत्वपूर्ण शादी नहीं होती सपने होते हैं। कोई ये क्यों नहीं पूछता कि क्या करना चाहती हो, क्या बनना चाहती हो, तुम्हारे सपने क्या है? हम तुम्हारी इस यात्रा में मार्गदर्शक बनेंगे तुम्हें रास्ता दिखाने की कोशिश करेगे। क्यों कोई ऐसा नहीं पूछता?

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17 SEP 2023 AT 0:11

बातें

बातों की भी अपनी बातें होती है।
अच्छी-बुरी यादें भी साथ होती है।

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26 JUL 2023 AT 23:37

ख़ुदा ने मुझे हर तरह की परिस्थितियों से रूबरू कराया, मैं टूटी भी बिखरी भी पर रोई सिर्फ़ उसके सामने। और मुझे नाज़ कि मैंने किसी और के दर जाकर रोने से अच्छा अपने ख़ुदा के सामने रोना सही समझा।

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1 JUN 2023 AT 13:08

शायद मेरी तरह भी ये प्रकृति अपने मन में कई पीड़ाएँ, कई राज़ और कई उलझनों को सम्भाले रखा है, मन जब अपनी सहनशक्ति की सीमा पार कर जाता है तब होता है विनाश। जहाँ एक ओर मेरे मन ने अब भी धीरज रखा हुआ है जबकि करता है मन अपनी पीड़ा को बाहर निकालने का, कि चीखें-चिल्लाए, तोड़-फोड़ करे और ले ले प्रतिशोध परंतु बाँध लिया संयम मैंने। लेकिन ये प्रकृति नहीं रख पा रही संयम, हवाओं द्वारा ले रही प्रतिशोध इस पर हुए अत्याचार का, दे रही संदेश बारम्बार, दे रही चेतावनी पुनः मनुष्यों को।

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