ASHISH SHRIVAS   (आशीष_श्रीवास √)
4.7k Followers · 1 Following

read more
Joined 2 April 2018


read more
Joined 2 April 2018
21 FEB 2022 AT 8:59

मेरी शख्सियत में ...
खामियां शायद हजार होंगी ,
मग़र याद रख ...
मेरा "रवैया" बे-मिशाल है ,,

-


13 FEB 2022 AT 12:56

ऐसे यार हुश्न का
फिर होश को दुहाई जाए ,
मय हो इश्क़ का और
जाम होंठों से पिलाई जाए ,,

-


26 JAN 2022 AT 9:01

नाज़-ए-वतन के वास्ते निशार हो जाँ,
इक ऐसा मौका देना मुझे भारत माँ ,,

-


16 JUN 2021 AT 0:56

#गर्मियां #मुरझा #रही #हैं......!

एक आस है बादल का ,
वो ज़मी से मिलना चाहता है ,
पर यह मुमकिन कैसे हो ?
उसकी तड़प उससे सहन नहीं होती ...
बादल टूटने लगता है ... बिखरने लगता है ,
एक दर्द छुपा है उसके अंदर ...
जो बूंद - बूंद बनकर रिसता है
और आसमान छोड़कर आ जाता है
अपने प्रेम को परिभाषित करने ....
बादल का हर एक कतरा
देता है सुक़ून ज़मी को ,
बूंद- बूंद की ठंडक से
मुरझाने लगती है गर्मी !
तोड़कर ख़ुद को समां जाता है ज़मीं में ,
खो देता है ख़ुद को ...
अपने अस्तित्व से अलग हो जाता है,
अंतर्ध्यान प्रेम के लिए प्रेम को पूर्ण करने ।
और हरा देता है विषमताओं को
बाधाओं को जो रोंकाती थी उसे...!!

-


16 MAY 2021 AT 9:50

आई, ठहरी, चली, और रवाना हो गई ,
ज़िन्दगी क्या है , सफ़र की बात है,,

-


15 MAY 2021 AT 21:04

एक समस्या मेरे जीवन की ,
जिसके पार मुझे जाना है ,,
एक लालसा मेरे मन की ,
जिसे वास्तविक कर दिखलाना है ,,
उत्कंठाओ के मेले में ,
समस्याओं के ठेले में ,
संकट में विश्वास लिए मैं ,
चलता रहा निश्चय किये मैं,,
इसके पार मुझे जाना है ,
अब कुछ करके दिखलाना है ,,
इतिहास के खाली पन्नो को ,
अपना परिचय कराना है ,,
एक लालसा मेरे मन की ,
जिसे वास्तविक कर दिखलाना है ,,

-


14 MAY 2021 AT 7:50

न ज़ुबां काम आई न आंखें कह सकीं ,
कुछ इस तरह लबों में दबी रही मोहब्बत ,,

-


17 APR 2021 AT 11:43

रात भी अंधेरों के बिना अधूरी है ,
मैं भला कैसे तुम बिन पूरा हो जाऊं ?

-


16 APR 2021 AT 19:14

अब इसे
किसी को नहीं
परोसा जा सकता है ,

मेरा ईश्क़
अब तुम्हारे होंठो से
जूठा हो चुका है...... ,,

-


18 FEB 2021 AT 19:25

आती - जाती रहतीं हैं आवाज़े हर वक़्त ,
मेरा ये कैसा अकेलापन है कि दूर नहीं होता !!!

-


Fetching ASHISH SHRIVAS Quotes