उन्हें बसाया था दिल में, चाहत की बात थी, वो दिल तो गए उनकी फितरत की बात थी वादे पे उनके आज भी जी रहे है हम, हमें था इन्तेजार आदत की बात है रुसवा कर गए हमें सबके सामने, कुछ भी ना कर सके सराफत की बात थी. चाहा हमने- पाया किसी और ने उन्हें, वो मिले न हमें किस्मत की बात थी हमारी दास्ताँ सुन के सारा जहाँ रोया, सिर्फ हम ना रोये हिम्मत की बात थी.