हिज्र की आधी दास्तां है आप किताब ही नहीं सम्मान है आप आपसे से बनती है कविता सारी कविता की मुक़्क़मल शान है आप -
हिज्र की आधी दास्तां है आप किताब ही नहीं सम्मान है आप आपसे से बनती है कविता सारी कविता की मुक़्क़मल शान है आप
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आपको देख कर आते है तब्बसुम फूलों में आप ज़िन्दगी का एक उम्दा खिताब हो [पूरी गज़ल कैप्शन में ] -
आपको देख कर आते है तब्बसुम फूलों में आप ज़िन्दगी का एक उम्दा खिताब हो [पूरी गज़ल कैप्शन में ]
हमने गुलाब को गुलाब ही कहा धरती को खुला आसमाँ ही कहा आप आये तो ज़िन्दगी को लिखा नूर वर्ना उससे पहले सबको हराम ही कहा -
हमने गुलाब को गुलाब ही कहा धरती को खुला आसमाँ ही कहा आप आये तो ज़िन्दगी को लिखा नूर वर्ना उससे पहले सबको हराम ही कहा
सर-ए-उल्फत प्यारी सी शाम रहे तु कुसुम ही नहीं मुक़्क़मल बाग़ रहे तेरे होठों पे गुलाब खिलता रहे तेरे जीवन में प्रेम प्रगाढ़ रहे -
सर-ए-उल्फत प्यारी सी शाम रहे तु कुसुम ही नहीं मुक़्क़मल बाग़ रहे तेरे होठों पे गुलाब खिलता रहे तेरे जीवन में प्रेम प्रगाढ़ रहे
जिद्द में गर तपीश हो तो गुल खिलाये जा सकते है बागबाँ ही क्या वन बसाये जा सकते हैये धरा है अमृत वीरों की यहाँ रक्त के बदले धड़ चढ़ाये जा सकते है -
जिद्द में गर तपीश हो तो गुल खिलाये जा सकते है बागबाँ ही क्या वन बसाये जा सकते हैये धरा है अमृत वीरों की यहाँ रक्त के बदले धड़ चढ़ाये जा सकते है
हौले हौले हलक को तर करती है तेरे बाद तेरी बातें मुझमें सफर करती है -
हौले हौले हलक को तर करती है तेरे बाद तेरी बातें मुझमें सफर करती है
पाषाण कब ख़ुद को मिट्टी कहा हैगाँव कब ख़ुद को दिल्ली कहा है ये हमारी तहजीब है कि झुकाते आये है सरवरना दरिया कब समंदर से जिद्दी रहा है -
पाषाण कब ख़ुद को मिट्टी कहा हैगाँव कब ख़ुद को दिल्ली कहा है ये हमारी तहजीब है कि झुकाते आये है सरवरना दरिया कब समंदर से जिद्दी रहा है
जवानियों को भुलाकर जवानियों का श्रृंगार करते है हम वही है स्वामी जिससे अफ़लाक डरते है -
जवानियों को भुलाकर जवानियों का श्रृंगार करते है हम वही है स्वामी जिससे अफ़लाक डरते है
ज़िन्दगी ज़िन्दगी नहीं रही मैं चाहता हुँ मुझ को मार दे [पूरी गज़ल कैप्शन में ] -
ज़िन्दगी ज़िन्दगी नहीं रही मैं चाहता हुँ मुझ को मार दे [पूरी गज़ल कैप्शन में ]
सुनने को हज़ार राग थे परन्तु तेरे ना के अलावा कुछ न सुन पाये[पूरी गज़ल कैप्शन में ] -
सुनने को हज़ार राग थे परन्तु तेरे ना के अलावा कुछ न सुन पाये[पूरी गज़ल कैप्शन में ]