Aruandhatee Garg   (PõëtìçMêêthííííííí😊)
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Joined 5 October 2020


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Joined 5 October 2020
23 JUL 2023 AT 11:40

इतवार के कई मसले हैं,
बाकियों के लिए आराम और
गृहिणी के लिए काम के मसले हैं,
हर बार इंतजार में बीतता है पूरा सप्ताह इतवार के,
सच कहूँ तो, इतवार के ख़्वाब ही अच्छे हैं।

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20 MAY 2023 AT 21:33

सुनो,

तुम बस मौन ( खामोशी ) की भाषा धारण कर लेना,
मैं तुम्हारे अंतर्मन के भाव समझ जाऊंगी ।

क्योंकि जो शोर मौन में है,
और जो समझने की शक्ति मौन में है,

वह शोर, वह शक्ति,
मुझे इस नश्वर कलकल में कभी सुनाई नहीं देती ।

ये नश्वर कलकल मात्र दिमाग की शीतलता को,
नष्ट करने का काम करता है ।

इसलिए यदि तुम मौन ( खामोश ) होकर भी मुझे अपनी भाषा समझाओगे,
तब भी मैं तुम्हारे भाव समझ जाऊंगी ।

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6 MAR 2023 AT 4:51

कहीं न कहीं एक नई प्रेम कहानी पल रही है
हम माने या न माने मगर दुनिया बदल रही है

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5 FEB 2023 AT 22:45

मुझे कहाँ पता था ...
मिलकर तुमसे, मैं खुद को ही भूल जाऊँगी

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31 DEC 2022 AT 22:03

देखते ही देखते ये साल भी गुज़र गया
मुस्कुराने का या गमों के बहानों का लम्हा भी गुज़र गया
कुछ खुशी, तो कुछ मुसीबतों का फ़साना था ये साल
अब पुरानी शिकायतों का वो ज़माना भी गुज़र गया

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26 DEC 2022 AT 3:40

मैंने अक्सर इश्क़ को
बे'मुकाम होते देखा है
लेकिन फिर भी मैंने अपनी बारी में
एक मुकम्मल मुकाम चाहा है

( पूरी रचना अनुशीर्षक में ✍🏻 )

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14 DEC 2022 AT 20:10

इश्क़ करना हमारे बस में नहीं,
लेकिन उसे छुपाना तो हमारे बस में है ।

एक अदद मुलाक़ात भले ही हमारे बस में नहीं,
लेकिन बिन मुलाकात उन्हें महसूस करना तो हमारे बस में है ।

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26 NOV 2022 AT 12:26

उस दूर तलक
दरिया के उसपार

उगते सूरज संग
तकता बैठा है कोई

मैं यहां फिरता,
इठलाता अपनी तकदीर पर

कि मेरा भी फुरसत से
इंतजार करता है कोई

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19 NOV 2022 AT 20:17

प्रेम में पड़े इंसान को
पूरी कायनात प्रेममयी लगती है

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8 NOV 2022 AT 22:21

मुझे लगा
कि मैं बदल रही हूं
शायद मन का कोई हिस्सा
बड़ी तेज़ी से
करवटें ले रहा है

फिर मैंने तुरंत
खुद के मन की
नब्ज़ थामी
और निकाल फेंका
उस हिस्से को
जिसने मुझे बदलने का
दुस्साहस किया

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