Arti Shakya   (Arti)
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Joined 6 June 2021


Joined 6 June 2021
11 OCT 2022 AT 7:40

नहीं है
शून्य से शुरू हो कर शून्य पर समाप्त होने वाले
रास्ते में न जाने कितने ही लेन देन हुए
कुछ चुक गए तो कुछ वांकी रह गए

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11 OCT 2022 AT 7:33

तेरी ओर

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8 OCT 2022 AT 13:27

शिवाय अपने

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8 OCT 2022 AT 5:39

मोती भी बरस रहें हैं
समेट कर रखें कैसे

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4 OCT 2022 AT 18:37

से ओ मखमली हवाओं के झोंके

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4 OCT 2022 AT 18:25

जब कोई चाहत ही न रहती

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4 OCT 2022 AT 18:18

मैं बड़ी बेसब्री से तुम्हारी बाट जोह रही हूं
तुम्हारे बसने के लिए मेरे घर में खूब सारी जगह है

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4 OCT 2022 AT 18:14

कि अपनी अपनी जिंदगी के ज्वार भाटे से निपटो
दूसरों की जिंदगी में उथल पुथल क्यों मचाते हैं

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3 OCT 2022 AT 18:20

कुछ करने का पक्का इरादा हो

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2 OCT 2022 AT 8:35

माता रानी की असीम कृपा से
सब कुछ अच्छा चल रहा है

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