Arti S   (सुकन्या)
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Joined 25 April 2022


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5 MAY AT 10:08

KOHINOOR
घुटन से घुटन जब होने लगे
खोल दो गिरह जो ज़िंदगी कसने लगे।

वो जो ढूंढ रहे तुम में नायाब कोहिनूर हैं,
कह दो सुकन आसमान से काले बादल छटने को हैं।

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5 MAY AT 1:02

Traffic🚦 लगा सुबह सोचा " क्यों खाया Jam"?
Traffic🚦 रोया सुबह सोचा " क्यों पाया Jam"?

Traffic🚦 बोला लाल-हरा दोनों Active Jam
Traffic🚦 था लाचार खड़ा, रोया बहुत Sensitive Jam

Traffic🚦 नहीं जंग हार रहा था कोई क्यों रोया बहुत Jam?
Traffic🚦 पर Ambulance चीख उठी देख भयंकर Jam

Traffic🚦 बारिश से बोला " बहा नीर" आज कर दे Jam
Traffic🚦 धुंध से बोला "उठा धुआं" आज कर दे Jam

Traffic🚦 में नब्ज़ मरीज़ की टूट गई, रोया फूट-फूट कर Jam

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2 MAY AT 9:21

गहरा ना हो समुद्र तो बात कहां!
गहरे ना हों अल्फ़ाज़ तो जज़्बात कहां!

यह जो गम का दरिया है ठहरता कहां है?
ना बहे लफ़्ज़ों से अगर
तो सुकन की शायरी में बात कहां!

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29 APR AT 17:15

टूटता तारा

एक कायनात से मिलने का उसका इरादा था,
टूटते तारे पर निर्भर फ़िर क्यों उसका वादा था?

शोख़-अदा से वाकिफ हो, घायल था वो शहज़ादा,
लगता है टूटते तारे से मांगा एक शहज़ादी ने वक्त ज्यादा था।

*कायनात- Universe
शोख़-अदा -वो जिसके हर अंदाज़ में चुलबुला पुन्न हो

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26 APR AT 6:15

From all barriers of Pain and grief.

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26 APR AT 6:12

कुछ श्रद्धा सुमन कुछ यादें
कुछ अपने कुछ उनकी बातें।

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23 APR AT 12:21

Mere Wajood ko Badalne ka haq nahin tumhe
Mere Sapno ko Todne ka haq bhi nahin tumhe

Ugte Suraj Jaise Ashaon ka Basera Kahan
Main, mera waqt aur hauslon ka Aasra bas Yahan

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22 APR AT 9:53

धुंधले मंज़र धुंधले रह जाते हैं जब अपने
TAKEN FOR GRANTED हो जाते हैं।

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20 APR AT 12:35

Siyahi मुझे थोड़ा ख़ुद में
शामिल कर ले ऐसे,
बरसों से जो ना बहा
दर्द बहे वो ऐसे।

ना करना तू
कोई शिकवा पन्नों से
वोह मर कर भी
जी उठता है।

सुकन तू लिख कुछ
अल्फाज़ पत्थरों पर,
पत्थर दिल पर लिखा अल्फ़ाज़
अमर हो उठता है।

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20 APR AT 12:26

तो बिखर जाऊं





तो निखर जाऊं।

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