Arti Pradyumn K. Srivastava  
283 Followers · 517 Following

Joined 15 May 2018


Joined 15 May 2018
10 JAN 2022 AT 15:25

मेरी हर कहानी का, अहम किरदार थे तुम
मेरे दिल की सियासत की, सरकार थे तुम

अपने चले जाने की, तुमने खबर भी न दी
क्या दिल भर गया था? या लाचार थे तुम?

-


4 JAN 2022 AT 11:04

तेरे दिल से निकलकर आ गए, बोलो कहां जाएं?
हजारों मील चल कर आ गए, बोलो कहां जाएं?

बहुत रोका तेरी यादों की फिसलन ने, चौराहे पर!
हम फिर भी संभलकर आ गए, बोलो कहां जाएं?

-


3 JAN 2022 AT 8:42

तुम्हारी सारी तस्वीरें, जला कर राख कर दी है
तेरे खत की लिखावट भी, बे-आवाज कर दी है

रहेगा दायरा एक, अब से तुम्हारे और मेरे बीच
मेरी चौखट ने तेरी गलियां, आजाद कर दी है

-


28 DEC 2021 AT 9:57

बेकार ही बैठे-बैठे गुजर गई, जो रात बचा के रखी थी
होंटों पर आकर लौट गई, जो बात बचा कर रखी थी

सोचा था तुमसे मिलके, हम भीगेंगे ठण्ड की बारिश में
बूंद-बूंद कर फिसल गई, जो बरसात बचा के रखी थी

-


14 DEC 2021 AT 0:13

कभी खामोश रातों में, कहीं एक शोर हो जाये
जिससे चांद बाँधा था, वो डोर कमजोर हो जाये

रात की बेबसी भी, इन अंधेरों में महफूज हो कैसे
हिफाजत जिसको सौंपी हो, गर वही चोर हो जाये

-


3 DEC 2021 AT 10:28

एक किस्सा खतम हुआ है, कहानी अब भी बाकी है
अभी तो बत्तीस के हुए हैं, जवानी अब भी बाकी है
😂😂😂

-


1 DEC 2021 AT 21:43

एक आस जगी है दिल में, उसके संग जीने की
मरने वाले बस उसकी, दो आँखों पे मर जाते हैं

हाल-ए-दिल क्या लिखे, पढ़ के जो मुस्कुराए वो
खत के सारे हर्फ, नज्म, कागजातों पे मर जाते हैं

कैसी ख्वाहिश पाली है, तितली के संग उड़ने की
कुछ तो बिछड़ के पत्तों से, शाखों पे मर जाते हैं

उससे एक शिकायत है, कि बात पुरानी करता है
हम बातों में आकर उसकी, बातों पे मर जाते हैं

मुमकिन नहीं उसे देखे, और दिल संभाले रहे
क्यूं हम अक्सर बेकाबू, जज्बातों पे मर जाते हैं

चाहत उसे पाने की, बस चाहत ही रह जाती है
कई दफे तो हम अपने, हालातों पे मर जाते हैं

-


28 NOV 2021 AT 11:20

सूखी है दिल की जमीन, बरसात के बाद भी
हमें चैन नहीं मिलता, मुलाकात के बाद भी

सोचते थे ख्वाबों में, कुछ नये किस्से सुनाएंगे
हमें फिर नींद ही नहीं आई, रात के बाद भी

-


17 NOV 2021 AT 11:48

जो सागर के किनारे हैं, अकेले छूट जाते हैं
दर्पण पे टिके किस्से ही, अक्सर टूट जाते हैं

कोई कितना ही प्यार का, इजहार कर भी ले
निभाने के बदले में, यहां सब रूठ जाते हैं

-


1 NOV 2021 AT 18:08

एक नजर तुम हमें, देख लो तो सही
बाद में तुमको हम फिर, मिलेंगे नहीं

चाहतों के ज़माने, अब गुजर ही गए
बस रह गये हम अकेले, वहीं के वहीं

-


Fetching Arti Pradyumn K. Srivastava Quotes