वसंत,सावन, पतझड़,शीत सभी
वक्त की किताब में,लम्हें जोड़ गये
कुछ अर्थ तो कुछ शब्दों से परे,
फिर कितने मौसम गुजर गये।
कुछ तलाशती रही निगाहें,
कुछ सौगात अनकहे मिलें,
वक्त रोके न रूके कभी,
फिर कैलेंडर बदल गये।
अलविदा नहीं कह सकती कभी
स्मृतियों में संग तू,सदा संग रहे
अतीत के लम्हात छूटते कभी कहां ,
छलके और मुस्कान की वजहभी बने।
💐💐🌹🌹
Wish you everything that
Your heart longs for😊
Archana
1.1.2023
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