मेरी प्यारी बहना
मुझसे उमर में बड़ी पर कद में छोटी
मेरी प्यारी बहना
माँ जैसे ममता के छाए में रखती है
और पिता की तरह डांटती है वो
इस दुनिया की मुश्किलों के लिए तैयार अवश्य करती है
पर उनसे बचा के सब खुद झेल लेती है
रक्षा का बंधन मेरे हाथों पर बंधवा कर रक्षा का वादा ज़रूर मैं करता हु,
पर रक्षा तो वो मेरी करती हैं इस समाज से
मेरी हर गलती पे डांटती ज़रूर है
पर हर कामयाबी पे शाबाशी उसकी ही होती है
माँ के पैरों में जन्नत, पिता के कंधो पर ठाठ,
भाई के साथ सुरक्षा तो बहन के आलिंगन में वो शीतलता है कि सारे दुःख दर्द भूल जाऊ
तो मेरी ज़िंदगी के हर अवसर पर
तु युही मेरे साथ रहना मुझसे रूठना तो आपका हक है
पर मेरे मनाने पे मान भी जाना।
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